China’s appeal: चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका द्वारा चीनी आयात पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अब चीन की नजरें भारत पर टिकी हैं। इस बीच, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए और आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहिए, क्योंकि यह दोनों देशों और उनके नागरिकों के हित में है। वांग यी ने कहा कि ड्रैगन (चीन) और एलिफेंट (भारत) को मिलकर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि यही एकमात्र सही विकल्प है। उनका यह बयान अमेरिका से चल रहे आर्थिक तनाव की पृष्ठभूमि में आया है।
चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक प्रगति का दावा
China’s विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों में सकारात्मक प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सैन्य गतिरोध के समाप्त होने के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है। वांग यी ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद रिश्तों में सुधार देखने को मिला है। दोनों देशों ने नेताओं के बीच बनी सहमति का पालन किया और विभिन्न स्तरों पर सहयोग को आगे बढ़ाया।
ग्लोबल साउथ को लेकर भारत-चीन सहयोग की अपील
वांग यी ने कहा कि अगर भारत और China’s, जो एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, एक साथ आते हैं तो ‘ग्लोबल साउथ’ का विकास और मजबूती संभव होगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का लोकतंत्रीकरण भी दोनों देशों के सहयोग से संभव हो सकता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर ‘ग्लोबल साउथ’ का उल्लेख करते हैं और चीन भी अब इस अवधारणा को अपना रहा है। वांग यी ने यह भी कहा कि शक्ति संतुलन और आधिपत्यवाद के खिलाफ भारत और चीन को मिलकर काम करना चाहिए।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत चीन के साथ संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर दोनों देशों के बीच अभी भी कई मतभेद हैं। चीन की इस अपील पर भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।