God’s Mysterious City दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जिनका रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। वैज्ञानिकों ने कई बार इन जगहों की गहराई से पड़ताल करने की कोशिश की, लेकिन फिर भी असल सच सामने नहीं आ पाया। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह है मेक्सिको का टियोतिहुआकन शहर, जिसे लोग ‘भगवान का स्थान’ कहते हैं।
टियोतिहुआकन – एक अनसुलझा रहस्य
मेक्सिको में बसा टियोतिहुआकन नाम का शहर आज भी एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। ये जगह एक पुराने खंडहर की तरह है, जहां बड़े-बड़े पिरामिड बने हुए हैं। इस शहर को 14वीं सदी में एज़्टेक लोगों ने खोजा था। उन्होंने ही इसका नाम टियोतिहुआकन रखा था, जिसका मतलब होता है ‘जहां भगवान रहते हैं’।
इससे पहले किसी को भी इस जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। न किसी किताब में इसका ज़िक्र है, न ही इतिहास में।
एज़्टेक लोगों की मान्यता
एज़्टेक समुदाय का मानना था कि ये शहर खुद-ब-खुद बना था, यानी इसे किसी इंसान ने नहीं बनाया। ये सोच अपने आप में चौंकाने वाली है क्योंकि आज भी ये साफ नहीं हो पाया कि इसे किसने बनाया, कब बनाया और क्यों बनाया।
कितने लोग रहते थे इस शहर में?
जानकारों का अनुमान है कि इस रहस्यमय शहर में करीब 25,000 लोग रहते होंगे। यह शहर इतना बड़ा है कि इसकी तुलना अमेरिका के न्यूयॉर्क जैसे आधुनिक शहर से की जाती है। यह एक शहरी ग्रिड सिस्टम पर बसा हुआ था, यानी सड़कों और गलियों को एक खास ढंग से प्लान करके बनाया गया था।
बलि की परंपरा?
टियोतिहुआकन में मौजूद एक विशाल पिरामिड के अंदर इंसानों की हड्डियां मिली हैं। इससे अंदाजा लगाया गया कि यहां सैकड़ों लोगों की बलि दी जाती थी। यह भी रहस्य बना हुआ है कि ऐसा क्यों किया जाता था और इसका मकसद क्या था।
अब तक अनसुलझा है यह रहस्य
इतनी खोजबीन के बावजूद आज भी इस शहर के असली इतिहास के बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं मिल पाई है। यह अब भी एक रहस्य है कि यह जगह कैसे बनी, किसने बनाई और इसका उद्देश्य क्या था।
टियोतिहुआकन सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक अनसुलझी कहानी है। इसे देखकर लगता है कि इस दुनिया में कई ऐसे राज़ हैं जिन्हें इंसान चाहकर भी समझ नहीं पाया है।