नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) (United Nations Security Council) में पाकिस्तान और चीन पर जमकर निशाना साधा. दरअसल, बैठक में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया गया. जिसपर जयशंकर ने कहा, देश अल-कायदा सरगना ओसामा बिन-लादेन की मेजबानी कर सकता है और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला कर सकता है, उसे संयुक्त राष्ट्र में प्रचारक होने की कोई आवश्यकता नहीं है.
विदेश मंत्री जयशंकर ने साल 2001 के संसद हमले को लेकर बताया कि आज से 18 साल पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने दिल्ली में संसद परिसर पर अटैक किया था. आतंकियों ने सरेआम फायरिंग की, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग उठाते हुए कहा कि इस वैश्विक निकाय में सुधार समय की मांग है. मुझे विश्वास है कि दक्षिण एशिया के देश भी भारत की इस प्रतिबद्धता के साथ हैं.
चीन को लेकर जयशंकर ने कहा, आतंकवाद की चुनौतियों का जहां पूरी दुनिया साथ मिलकर मजबूती से मुकाबला कर रही है, वहीं आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों और उनकी साजिश रचने वालों को बचाने और उन्हें उचित ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग हो रहा है. जिसने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्तावों को बार-बार बाधित किया है.
UNSC में बदलाव को लेकर की यह मांग
विदेश जयशंकर मंत्री ने आगे कहा ऐसे समय में जब दुनिया हिंसा, सशस्त्र संघर्ष और मानवीय आपात स्थितियों से जूझ रही है, महात्मा गांधी के आदर्श मार्गदर्शन और शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिक बने हुए हैं. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ संयुक्त राष्ट्र के उत्तरी लॉन में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करने के बाद यह टिप्पणी की. भारत ने प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार द्वारा बनाई गई महात्मा गांधी की यह प्रतिमा उपहार में दी है.
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