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मजदूर दिवस आज, जानिए 132 साल पहले का इतिहास, कैसे और कब से हुई इस दिन की शुरुवात ?

मजदूर दिवस आज, जानिए 132 साल पहले का इतिहास, कैसे और कब से हुई इस दिन की शुरुवात ?

Labour Day 2022: आज पूरी दुनिया में 1 मई का दिन मजदूर दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. आज सभी मजदूरों के लिए खास दिन है क्योंकि आज का दिन उनके नाम से मनाया जा रहा है. मजदूर दिवस का दिन उनकी मेहनत और उनके सम्मान के उद्देश्य के लिए समर्पित है. मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस मई डे के नाम से भी मनाया जाता है.

आपको बता दें की मजदूर दिवस का दिन ना केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है। जिससे कि उन्हें समान अधिकार मिल सके।

लेकिन आप सोच रहे होंगे की इस दिन का इतिहास ky होगा कहा से शुरू हुआ ये दिन और क्या होगा इस दिन को मानाने का उद्धेश्य तो चलिए जानें क्या है पूरा इतिहास.

क्यों मनाते है 1 मई को मजदूर दिवस ?

1 मई 1886 को अमेरिका में आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए थे और वो अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगे। इस तरह के आंदोलन का कारण था काम के घंटे क्योंकि मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम लिया जाता था। आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई। वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। 

इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के निमय के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया। 

भारत में कब हुई शुरूआत

अमेरिका में भले ही 1 मई 1889 को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव आ गया हो। लेकिन भारत में ये आया करीब 34 साल बाद। भारत में 1 मई 1923 को चेन्नई से मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत हुई। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया। इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इसका नेतृत्व कर रहे थे वामपंथी। 

क्या है मजदूर दिवस का उद्धेश्य

1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है। इस दिन बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है। 

(By:Vanshika Singh)

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