Bolan Massacre: पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से सभी बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है। सेना का कहना है कि उनका रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा और सभी बंधकों को सुरक्षित रिहा कर लिया गया। लेकिन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाक सेना के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। इस बीच एक पंजाबी फौजी ने सेना की पोल खोलते हुए बताया है कि बोलान की पहाड़ियों पर 100 से ज्यादा लाशें बिखरी पड़ी हैं। इनमें से ज्यादातर शव पाकिस्तानी सैनिकों के हैं, जो छुट्टियों पर थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सेना का दावा पूरी तरह झूठा है। क्षेत्रीय रिपोर्ट्स के अनुसार, बोलान की पहाड़ियों (Bolan Massacre) पर बंधकों के क्षत-विक्षत शव पड़े हैं। इस बीच एक प्रत्यक्षदर्शी पंजाबी फौजी ने भी बयान दिया है कि उसने अपनी आंखों से बीएलए लड़ाकों को 50 से 60 पाकिस्तानी सैनिकों को मारते देखा है। इस बयान के बाद पाक सेना के दावे पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बोलान ऑपरेशन पर उठे सवाल
पाकिस्तान सेना का कहना है कि 24 घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन में बीएलए के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है और 212 बंधकों को छुड़ा लिया गया है। सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि, बीएलए का दावा है कि अभी भी उनके चंगुल में 150 से अधिक लोग बंधक बने हुए हैं।
स्थानीय रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के बयानों के मुताबिक, बोलान की पहाड़ियों पर (Bolan Massacre) अब भी 100 से ज्यादा शव पड़े हुए हैं। इनमें अधिकतर सैनिक हैं, जो छुट्टियों पर घर लौट रहे थे। बोलान न्यूज ने सोशल मीडिया पर चश्मदीदों के वीडियो भी शेयर किए हैं, जिनमें पीड़ितों ने बताया कि बीएलए ने ट्रेन में सवार 50 से 60 लोगों को उनके सामने ही मार गिराया था।
BLA का ऑपरेशन और हमला
क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर हमला माशफाक टनल में हुआ। ट्रेन को टनल नंबर-8 के पास विस्फोट कर बेपटरी कर दिया गया। बीएलए ने अपने मजीद ब्रिगेड और फतेह दस्ते के लड़ाकों के साथ इस हमले को अंजाम दिया। हमले के लिए पहले से ही घात लगाकर बैठे लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया।
पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन के दौरान (Bolan Massacre) आतंकियों ने खुद को दो समूहों में बांट लिया था, जिससे सेना को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे, जिनमें से 21 को हाईजैक के दौरान ही मार दिया गया था। इनमें चार सैनिक भी शामिल थे।
बलूचिस्तान में क्यों हो रहे हैं हमले?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है, जहां 1948 से ही बलूच स्वतंत्रता संग्राम जारी है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं और समय-समय पर विद्रोही गुटों द्वारा सेना पर हमले होते रहते हैं। हाल के वर्षों में चीन की उपस्थिति के चलते हमलों में और बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि बलूच गुट चीन की परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं।
इस ताजा घटनाक्रम ने पाकिस्तान सरकार और सेना के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोग और चश्मदीद पाक सेना की सच्चाई उजागर कर रहे हैं, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है।