Vikas Divyakirti : पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में गहरी दरार आ गई है। माहौल तेजी से युद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ रहा है। भारत में लोग अब सेना और सरकार की जवाबी कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच, चर्चित शिक्षक और विचारक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने छात्रों को भारत-पाकिस्तान के संबंधों के बारे में विस्तार से जानकारी देते दिख रहे हैं।
कश्मीर के मुसलमानों को लेकर क्या बोले ?
डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने व्याख्यान में स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों का इस आतंकी हमले से कोई सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारेगा।” उन्होंने समझाया कि आतंकवादी घटनाओं का सबसे बड़ा नुकसान कश्मीर के पर्यटन उद्योग को होता है, जो वहां के लोगों की आय का एक प्रमुख स्रोत है। उन्होंने बताया कि जहां पहले 20–22 लाख पर्यटक आते थे, अब यह आंकड़ा 2 से 2.5 करोड़ तक पहुँच गया है।
पाकिस्तान की स्थिति बेहद खराब
विकास दिव्यकीर्ति ने पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समय भीषण महंगाई और अस्थिरता से जूझ रहा है। हालात गृह युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि पाकिस्तान की सेना आंतरिक असंतोष से जनता का ध्यान हटाने के लिए कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है।
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डॉ. दिव्यकीर्ति ने पाकिस्तान की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा, “आज पाकिस्तान पेट से है, कभी भी बलूचिस्तान हो सकता है। संभव है कि दो-तीन ‘बच्चे’ एक साथ जन्म लें।” उन्होंने बताया कि वहां हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि ट्रेनें हाईजैक हो रही हैं और पूरी दुनिया में पाकिस्तान की छवि खराब हो रही है। बदनामी को छिपाने के लिए पाकिस्तान ऐसे आतंकी हमलों का सहारा ले रहा है।
आंदोलनों से पाकिस्तान के बंटने की आशंका
विकास दिव्यकीर्ति ने बलूचिस्तान, सिंध और खैबर-पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में चल रहे अलगाववादी आंदोलनों का हवाला देते हुए कहा कि अगर हालात यूं ही बने रहे तो निकट भविष्य में पाकिस्तान कई हिस्सों में टूट सकता है। उन्होंने पाकिस्तान की राजनीतिक और आर्थिक हालत को ‘पेट से लाचार’ बताते हुए कहा कि आम लोग महंगाई, आतंकवाद और असुरक्षा की मार झेल रहे हैं। गौरतलब है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। यहां लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है, जो समय के साथ और तेज हो गया है।