पाकिस्तान की मुसीबत और बढ़ी
पाकिस्तान पर चल रही कर्जो की गूंज देश विदेश तक सुन ने को मिल रहे है। पाकिस्तान की महंगाई के हाल से शायद ही कोई वयक्ति अंजान हो महंगाई की सारी सीमा लांघते हुए पाकिस्तान में 40 प्रतिशत तक महंगाई की दर देखने मिल रही है। ऐसे में पाकिस्तान का बचना बिल्कुल ना के बराबर होता नज़र आ रहा है। अब इस बीच ऐसी खबरे सामने आ रही है, कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ अपनी कुर्सी को छोड़ सकते है।
इन विषय पर हो रही चर्चा
महंगाई से जूझ रही पाकिस्तान की आवाम के हाल दिन भर दिन बेहाल होते नज़र आ रहे है। ऐसे में अब पाकिस्तान में तीन मुद्दे चर्चा का विषय बन चुके है। आइए जानते है, कौनसे तीन मुद्दे पाकिस्तान में बन रहे है। चर्चा का विषय
तीन विकल्पों को लेकर हो रही चर्चा
पहला विषय ये है कि यदी शाहबाज शरीफ अपने पद से इस्तिफा देकर कुर्सी को त्याग देते है, तब मुल्क पर आई परेशानी से कौन बाहर निकालेगा ऐसे में तीन विकल्प सामने आते है। जिन पर विश्वास कर फैसला जारी किया जाएगा बता दें तीन विकल्प में पहला विकल्प – नेशनल गवर्नमेंट, दूसरा- टेक्नोक्रेट गवर्नमेंट, तीसरा- मार्शल लॉ यानी फौजी हुकूमत इन तीन विकल्पों में से एक का चयन कर शायद पाकिस्तान की आवाम को मुश्किलों से निकाला जा सकता है।
पाकिस्तान में तीन विकल्प पर चल रही चर्चा
इस बात से शायद ही कोई अंजान होगा कि पाकिस्तान में पिछले 76 सालो में किसी भी सरकार को अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करते नहीं देखा गया है। फौजियों द्वारा मुल्क पर हुकूमत देखने मिलती है। सरकार के अस्थाई होने के कारण मुल्क कर्जो में डूबता हुआ नज़र आ रहा है। इन्ही कर्जो के कारण सभी बैंक से कर्जा ना मिलने पर मजबूर हो रहा है, पाकिस्तान अब ऐसे में अगर अपनी कुर्सी पद से इस्तिफा देगे शहबाज शरीफ तो आवाम को इस मुसिबत से कैसे बाहर निकाला जाएगा इसी विषय को लेकर इन तीन विकल्पो पर चर्चा हो रही है।
तीन विकल्पो का क्या है मतलब
पाकिस्तान में चल रही तीन विकल्पो पर चर्चा का मतलब के बारें में जानते है। बता दें पहला विकल्प नेश्नल गवर्नमेंट का मतलब है। सभी पार्टियों का एक जुट होकर के सरकार बना लेना इस विकल्प का मकसद ये है, कि मुल्क को हर तरह की मुश्किलों से बाहर निकालने के लीए सभी पार्टियो को एक ही प्लैटफॉर्म पर लाया जाए और सरकार को दो साल का वक्त दिया जाए हालात के सही हो जाने पर आवाम द्वारा जनरल इलेक्शन करवा कर सरकार को चुना जाए
दूसरा विकल्प टेक्नोक्रेट गवर्नमेंट इस विकल्प का मतलब है कि देश में हर सेक्टर के बेहतरीन अफसर या फिर एक्सपर्ट्स को मिला कर के सरकार को बनाया जाए और प्रधानमंत्री भी किसी टेक्नोक्रेट को ही बनाया जाए टेक्नोक्रेट गवर्नमेंट का असल मक्सद देश की अर्थव्यवस्था हो और एक बार अर्थव्यवस्था ठीक होने के बाद दोबारा चुनाव का आयोजन करवाएं
तीसरा विकल्प मार्शल लॉ या फिर इकोनॉमिक इमरजेंसी बता दें इसे आप दो तरीके से समझ सकते है। कुछ वक्त के लिए इकोनॉमिक इमरजेंसी लगाई जाए जिस से देश में सिर्फ उन्हीं जरूरी सामान को देश में इंपोर्ट कराया जाए साथ ही सर्विंग या फिर रिटायर्ड फौजी के हाथ में हुकूमत सौंप दी जाएं दूसरी मार्शल लॉ लगाया जाए और कुछ समय के लीए पॉलिटीकल गतिवीधियों को बंद कर दिया जाए