WhatsApp account hack-मेटा की पॉपुलर मैसेजिंग ऐप WhatsApp के कई यूजर्स के अकाउंट हैक किए गए हैं। इस बार इस्रायली स्पायवेयर कंपनी Paragon Solutions पर शक जताया जा रहा है। WhatsApp के एक अधिकारी ने बताया कि पत्रकारों और नागरिक संगठनों से जुड़े लोग इस साइबर हमले का शिकार बने हैं।
WhatsApp ने इस हमले के बाद Paragon को ‘सीज़ एंड डेसिस्ट’ (Cease and Desist) नोटिस भेजा है। यानी, कंपनी को ये चेतावनी दी गई है कि वह ऐसी गतिविधियों को तुरंत रोके।
WhatsApp ने कहा कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा जारी रखेगा।
कैसे किया गया ये खतरनाक हमला
WhatsApp अधिकारी के मुताबिक, लगभग 90 यूजर्स के अकाउंट हैक करने की कोशिश हुई। ये सभी यूजर्स 24 से ज्यादा देशों में फैले थे, जिनमें यूरोप के लोग भी शामिल हैं।
इस साइबर अटैक में Zero Click तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो बहुत खतरनाक होती है। इसमें यूजर को किसी भी लिंक पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती, फिर भी उनका फोन हैक हो सकता है।
WhatsApp ने कैसे किया जवाबी हमला
WhatsApp ने इस हमले की पहचान कर इसे तुरंत ब्लॉक कर दिया। साथ ही, जिन यूजर्स को निशाना बनाया गया था, उन्हें कनाडा के इंटरनेट सिक्योरिटी ग्रुप Citizen Lab के पास भेजा गया, ताकि उनकी डिवाइसेज़ की जांच हो सके।
WhatsApp ने ये नहीं बताया कि उसने Paragon Solutions को इस हमले का दोषी कैसे ठहराया। हालांकि, कंपनी ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और साइबर सुरक्षा कंपनियों को इस बारे में सूचित कर दिया है।
Paragon Solutions कौन है और क्यों इस पर ही शक
Paragon Solutions एक इस्रायली कंपनी है, जो सरकारी एजेंसियों को स्पायवेयर बेचती है। ये खुद को जिम्मेदार कंपनी बताती है और दावा करती है कि वह केवल लोकतांत्रिक देशों को ही अपने प्रोडक्ट बेचती है।
हाल ही में, इस कंपनी को फ्लोरिडा की AE Industrial Partners नाम की इन्वेस्टमेंट फर्म ने खरीद लिया। Paragon की वेबसाइट पर लिखा है कि वह नैतिक रूप से सही तरीके से सुरक्षा सेवाएं देती है।
लेकिन हकीकत कुछ और ही दिख रही है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि सरकारी एजेंसियां इन स्पायवेयर का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। पत्रकारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के फोन में ऐसे स्पायवेयर मिले हैं, जिससे ये साफ होता है कि ये टेक्नोलॉजी गलत हाथों में जा रही है।
क्यों बढ़ रही है स्पायवेयर टेक्नोलॉजी को लेकर चिंता
Citizen Lab के रिसर्चर जॉन स्कॉट रेलटन का कहना है कि स्पायवेयर का दुरुपयोग लगातार बढ़ रहा है। सरकारें इसे अपराध से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस्तेमाल करती हैं, लेकिन असल में इसका निशाना पत्रकार, एक्टिविस्ट और विपक्षी नेता होते हैं।
इससे पहले भी Pegasus स्पायवेयर के जरिए कई बड़े लोगों के फोन हैक किए गए थे, जिससे इस टेक्नोलॉजी पर बड़े सवाल खड़े हो चुके हैं।
WhatsApp यूजर्स को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
अगर आप WhatsApp इस्तेमाल करते हैं, तो अपनी सिक्योरिटी को मजबूत करना बहुत जरूरी है।
दो-स्टेप वेरिफिकेशन (Two-Step Verification) को ऑन करें।
अगर कोई अनजान डॉक्यूमेंट, मैसेज या लिंक मिले तो उसे न खोलें।
हमेशा WhatsApp और फोन का लेटेस्ट अपडेट इंस्टॉल करें।
अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट करें।
WhatsApp पर हुआ यह साइबर हमला दिखाता है कि स्पायवेयर तकनीक कितनी खतरनाक हो सकती है। Paragon Solutions जैसी कंपनियां इसे सरकारों को बेचती हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल पत्रकारों और आम नागरिकों की जासूसी के लिए भी किया जा रहा है।
WhatsApp ने हमले को रोकने का दावा किया है, लेकिन इससे यह साफ हो गया है कि साइबर सुरक्षा को लेकर यूजर्स को हमेशा सतर्क रहना होगा।