Pratibha Shukla Action On Ashok Rawat: उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा के अंदर की कलह खुलकर सामने आ गई है। बिठूर में खेरेश्वर मंदिर मार्ग के निर्माण को लेकर महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और मिश्रिख लोकसभा से भाजपा सांसद अशोक रावत आमने-सामने आ गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप की इस जंग में मामला इतना बढ़ गया है कि राज्यमंत्री ने सांसद को एक करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेज दिया है। मंत्री ने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया, जबकि सांसद ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। इस विवाद ने भाजपा के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है, जिसका असर अब संगठन की रणनीति पर भी पड़ सकता है।
खेरेश्वर मंदिर मार्ग बना विवाद की जड़
कानपुर के बिठूर क्षेत्र स्थित खेरेश्वर मंदिर मार्ग का निर्माण 40 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था। महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने इस सड़क के निर्माण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने शासन को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सड़क में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और निर्माण मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।
मंत्री Pratibha Shukla की शिकायत के बाद शासन स्तर पर 8 अगस्त को एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया। इस दल का नेतृत्व भारत-नेपाल सीमा के मुख्य अभियंता विजय सिंह कर रहे थे। जाँच के दौरान दल ने सड़क से नमूने लिए और उसकी नाप-जोख की।
जाँच में सड़क मानकों के अनुरूप पाई गई।
जाँच दल की रिपोर्ट में सड़क की गुणवत्ता अच्छी पाई गई। दल के अनुसार, निर्माण में कोई गंभीर खामी नहीं पाई गई। इस पर सांसद अशोक रावत ने दावा किया कि अब तक तीन बार सड़क का निरीक्षण किया जा चुका है और हर बार यह मानकों के अनुरूप पाई गई है।
हालांकि, मंत्री के पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सड़क पर दरारें और टूट-फूट भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण हैं। वहीं, सांसद के समर्थक इसे राजनीतिक चाल बता रहे हैं। सांसद का कहना है कि उनके लोकसभा क्षेत्र के बारे में झूठी शिकायतें करके उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
वर्चस्व की लड़ाई में गहराती खींचतान
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद सिर्फ़ सड़क की गुणवत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे वर्चस्व की लड़ाई भी माना जा रहा है। Pratibha Shukla अपने क्षेत्र में राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि सांसद अशोक रावत अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब प्रतिभा शुक्ला के परिवार और अन्य भाजपा नेताओं के बीच मतभेद सामने आए हों। इससे पहले भी मंत्री के पति अनिल शुक्ला वारसी ने भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर गंभीर आरोप लगाए थे। ऐसे में बिठूर का यह विवाद पार्टी के भीतर बढ़ती खाई को और गहरा कर रहा है।
मंत्री Pratibha Shukla ने कहा—“कोई अनुचित इरादा नहीं”
राज्य मंत्री Pratibha Shukla ने अपनी शिकायत का बचाव करते हुए कहा: “लक्ष्मणपुर राधन गाँव में मेरी ससुराल है। यहाँ हमारा पुश्तैनी मंदिर भी है। यह सड़क उसे जोड़ने के लिए बनाई गई है। मैं पहले चौबेपुर से विधायक रह चुकी हूँ। मुझे स्थानीय कार्यकर्ताओं से सड़क की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर मैंने शासन को पत्र लिखा था। यह मामला किसी अनुचित इरादे से नहीं, बल्कि जनहित में उठाया गया है। माननीय सदस्य द्वारा दिए गए बयान उचित नहीं थे, इसलिए अधिवक्ता के माध्यम से मानहानि का नोटिस भेजा गया है।”
सांसद बोले- “नोटिस मिला तो जवाब दूंगा”
इस बीच, सांसद अशोक रावत कहते हैं: “मुझे मानहानि के नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर मुझे नोटिस मिला तो मैं कानूनी तरीके से इसका जवाब दूंगा। जो लोग नोटिस भेज रहे हैं, उन्हें भी अपने बयानों पर गौर करना चाहिए। इस सड़क का निरीक्षण हो चुका है और इसे मानकों के अनुसार बनाया गया है।”
भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकता है विवाद
खेरेश्वर मंदिर मार्ग को लेकर यह विवाद सिर्फ़ एक सड़क तक सीमित नहीं है, बल्कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति को भी झटका दे सकता है। अलग-अलग तरह के मंत्री और मुख्यमंत्री वाली पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है। स्थानीय स्तर पर यूनेस्को को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है और 2027 के चुनावों से पहले संगठन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।