फिल्ममेकर करण जौहर ने हाल ही में बताया कि बचपन में उन्हें स्कूल में काफी ताने सुनने पड़े थे। लोग उनके वजन और बोलने के अंदाज का मजाक उड़ाते थे। करण ने कहा कि इन अनुभवों ने उन्हें अंदर तक तोड़ दिया था।
उन्होंने कहा, “मुझे याद है, स्कूल में एक बार कहा गया कि तुम डब्बा गुल खेलो, फुटबॉल तुम्हारे बस की बात नहीं।” यह घटना उन्हें आज भी याद है और यही वजह है कि अब वे अपने बच्चों के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं।
बच्चों की चिंता
करण जौहर ने बताया कि वे अपने दोनों बच्चों, यश और रूही, को लेकर बहुत सावधान रहते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं स्कूल में कोई उनका मजाक न उड़ाए या उन्हें ताने न मारे। करण ने कहा कि वे बच्चों को किसी भी तरह की शर्मिंदगी से बचाना चाहते हैं।
खुद में किया बदलाव
करण ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ बदलाव किए हैं ताकि उनके बच्चे उनसे शर्मिंदा महसूस न करें। उन्होंने कहा, “मैंने अपने कपड़े और स्टाइल बदल दिए हैं ताकि बच्चे स्कूल में मुझसे जुड़ी किसी बात को लेकर असहज न हों।”
सोशल मीडिया पर भी सतर्क
करण जौहर ने बताया कि वे बच्चों के सोशल मीडिया और ऑनलाइन कंटेंट पर भी नजर रखते हैं। उन्हें चिंता रहती है कि कहीं इंटरनेट पर कोई उन्हें ट्रोल न करे या कोई गलत चीज न दिखे। वे चाहते हैं कि बच्चे आत्मविश्वास से बड़े हों और उन्हें अपने पिता के कारण कोई परेशानी न झेलनी पड़े।
करण जौहर की यह बात कई माता-पिता को सोचने पर मजबूर कर देती है। उन्होंने जो दर्द बचपन में झेला, वही अब उन्हें अपने बच्चों के लिए सतर्क बनाता है। करण का मानना है कि बच्चों को प्यार और समझ की जरूरत है, ताकि वे खुद पर गर्व कर सकें और आत्मविश्वास से आगे बढ़ें।









