नई दिल्ली: रेप और ब्लैकमेलिंग (Ajmer Rape Case) के जिस मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था आखिरकार कोर्ट ने उस पर अपना फैसला सुना ही दिया। बात साल 1992 के उस केस की है, जिसमें 100 लड़कियों को हवस का शिकार बनाकर उन्हें बार-बार अलग-अलग जगहों पर उनकी इज्जत को तार-तार किया जा रहा था।
राजस्थान के अजमेर के सबसे ज्यादा चर्चित रेप और ब्लैकमेलिंग (Ajmer Rape Case) के मामले में 6 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। इस मामले में बचे हुए 6 आरोपियों, नसीम उर्फ टार्जन, इकबाल भाटी, नफीस चिश्ती, सैयद जमीर हुसैन, सोहेल गनी और सलीम चिश्ती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ-साथ कोर्ट ने हर आरोपी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अजमेर (Ajmer Rape Case) के एक नामी स्कूल की छात्राओं की अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करने के मामले में ये फैसला सुनाया गया है। दोषियों ने 100 से ज्यादा छात्राओ को अपना शिकार बनाया था। इस केस के सामने आने के बाद अजमेर समेत पूरे देश में बवाल मच गया था। स्कूल की लड़कियों की आबरू को कई बार इन दोषियों ने लूटा था। अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद दोस्तों के साथ भी शेयर किया था।
ये भी पढ़ें :- Kolkata doctor rape-murder: प्रिंसिपल क्या कर रहा था? सुप्रीम कोर्ट ने FIR में देरी पर बंगाल सरकार को लगाई फटकार
इस केस से जुड़ी जानकारी में सामने आया था कि, फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती ने स्कूल की एक छात्रा को बहला फुसलाकर अपने फॉर्म हाउस में बुलाकर उसके साथ रेप किया था। इसके बाद छात्रा की नग्न तस्वीरें खींचकर उसे ब्लैकमेल किया करते थे और छात्रा से सहेलियों को लाने की भी डिमांड करते थे। अश्लील तस्वीरों के वायरल होने के डर से मजबूरन दूसरी लड़कियों को भी छात्रा ने इन दरिंदों को सौंप दिया, जिसके बाद ये सिलसिला काफी लंबा चला था। इस केस में 6-7 लड़कियों ने आत्महत्या भी कर ली थी।