Allahabad University News: प्रोफेसर की अमर्यादित टिप्पणी, “राम और कृष्ण को भेज देता जेल”

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में के असिस्टेंट (professor) डॉ. विक्रम ने विवादित टिप्पणी की है. प्रोफेसर ने एक पोस्ट में लिखा, 'यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा-302 के तहत जेल भेजता. और अगर आज कृष्ण होते तो महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी जेल में भेजता?'

प्रोफेसर (professor) का विवादित बयान

राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा हंस चुगेगा दाना कौआ मोती खाएगा  इन पंक्तियों को सुन कर ऐसा लगता हैं कि यह यूंही नहीं लिखी गयी होगी क्योकिं कलयुग को तो ऐसा युग कहा जाता हैं जहां सब कुछ संभव हैं और ठीक इस पंक्तियों की तरह होती चीजे अब खुद ही देख लिजिए कलयुग के गुरु आज खुद भगवान को जेल भेजने की बात कर रहे हैं अब भला ऐसा ज्ञान वो ऐसे थोड़ी दे रहे हैं कलयुग है सब जायज हैं दरअसल बीते दिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में के असिस्टेंट प्रोफेसर (professor)डॉ. विक्रम ने विवादित टिप्पणी की है. प्रोफेसर (professor) ने एक पोस्ट में लिखा, ‘यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा-302 के तहत जेल भेजता. और अगर आज कृष्ण होते तो महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी जेल में भेजता?’

 

भगवान राम और कृष्ण को भेजते यह जेल

सोशल मीडिया पर इस तरह का पोस्ट लिख जैसे ही प्रोफेसर (professor) ने विवादित पोस्ट किया उसके बाद से मानो लगातार हर कोई इस मुद्दे पर आक्रोश जता रहा है साथ ही सवाल कर रहा है कि आखिर हर बार हिंदू की आस्थाओ को ठेस क्यों पहुंचाया जाता हैं इतना ही नहीं बजरंग दल संयोजक शुभम कुशवाहा ने उनके खिलाफ मामला भई दर्ज कराया. पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विक्रम ने हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करके हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है. उन्होंने पुलिस से प्रोफेसर (professor) को अरेस्ट करने और विश्वविद्यालय प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की. लेकिन जबसे प्रोफेसर साहब की पोस्ट वायरल हुई तब से लगातार हर कोई इस बाद की निंदा कर रहा हैं और प्रोफेसर (professor) की इस टिप्पणी पर सवाल कर रहा हैं

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वायरल बयान के बाद जनता हुई आक्रोशित

 

मगर इन सब के बीच सोचने की बात यह कि आखिर लगातार इस तरह के विवादित पोस्ट कर लोग खुद को फेम बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं या फिर यह मानसिकता रखते हैं क्योकिं आज भारत में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी हैं मगर इसका मतलब यह तो नहीं न कि हर बार हर किसी भी धर्म के खिलाफ कोई विवादित बात कहे और उनकी आस्था को ठेस पहुंचाए जानकारी मिलने पर पता चलता हैं कि प्रोफेसर (professor)ने यह पहली मरतबा इस तरह का विवादित पोस्ट नहीं किया पहले भी प्रोफेसर(professor) साहब इस तरह की बाते करते आए हैं जिसको लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों में काफी आक्रोश था. प्रोफेसर (professor)के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था.

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