Atiq Ahmad: एक साल से ज्यादा समय से फरार माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं। अब पुलिस को शाइस्ता के बारे में अहम जानकारी मिली है। यह जानकारी प्रयागराज पुलिस को अतीक के एक खास गुर्गे ने दी है, जिसका नाम मो शमशाद है। शमशाद को पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शमशाद से पूछताछ में पुलिस को शाइस्ता के बारे में अहम बातें पता चली हैं। कुछ महीने पहले शाइस्ता की दिल्ली में एक गुप्त मीटिंग होनी थी। अतीक के गुर्गे शमशाद को कार में बिठाकर दिल्ली के पास एक अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां उसकी मुलाकात शाइस्ता से होनी थी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मीटिंग किस संदर्भ में होनी थी।
कौन है मोहम्मद शमशाद?
29 अगस्त को प्रयागराज के पुरामुफ्ती थाने की पुलिस ने बमरौली के पोंगहट पुल के पास बेली थाना कैंट निवासी मो शमशाद को गिरफ्तार किया था। उसके पास से चार बम बरामद हुए थे। पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले, जिसमें मो शमशाद को 50 हजार रुपये का इनाम वाली माफिया Atiq Ahmad की पत्नी शाइस्ता परवीन के साथ नजर आ रहा था। इसी फुटेज की पहचान होने पर उसे गिरफ्तार किया गया। शमशाद लगातार प्रयागराज और प्रतापगढ़ में छिपकर रह रहा था। उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के साथ ही 392 और 120/211 आईपीएस के तहत मुकदमा दर्ज है।
उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार शाइस्ता
माफिया Atiq Ahmad की पत्नी शाइस्ता बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद से ही फरार है। पुलिस डोजियर के मुताबिक शाइस्ता के खिलाफ 2009 से अब तक चार मामले दर्ज हैं। एक मामला हत्या का और बाकी तीन धोखाधड़ी के हैं। तीनों मामले सीजेएम कोर्ट में हैं। शाइस्ता 2021 में एआईएमआईएम में शामिल हुई थी।
बाद में वह जनवरी 2023 में बसपा में शामिल हो गई। उसे बसपा से मेयर का टिकट मिलने की उम्मीद थी। उमेश पाल की हत्या के बाद, हालांकि, अतीक और उसके परिवार से पार्टी ने विवाद शुरू कर दिया। शाइस्ता को भी 50 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। वह पुलिस को लगातार चकमा दे रही है।
बिहार CM नीतीश कुमार के खास केसी त्यागी का इस्तीफा, जेडीयू में सब ठीक है?
प्रयागराज में हुई थी Atiq Ahmad और अशरफ की हत्या
24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि जेल में बंद माफिया Atiq Ahmad और भाई अशरफ के इशारे पर वारदात को अंजाम दिया गया। अतीक अहमद उस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद था। बाद में अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज भेजा गया। 15 अप्रैल 2023 को दोनों भाइयों को गोली मारकर मार डाला गया था।