Bahraich Wolf: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले कुछ महीनों से (Bahraich Wolf) आदमखोर भेड़ियों का आतंक छाया हुआ था, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल था। मार्च महीने से इन भेड़ियों ने कई जानलेवा हमले किए, जिनमें कई मासूम बच्चों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने कड़ी मेहनत और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने का अभियान चलाया, जिससे धीरे-धीरे ग्रामीणों को राहत मिलनी शुरू हुई। मंगलवार को एक और भेड़िये के पकड़े जाने के बाद, ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है।
आदमखोर Bahraich Wolf पकड़ा गया, ली राहत की सांस
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आतंक का पर्याय बन चुका एक और आदमखोर भेड़िया मंगलवार सुबह वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। उसके पकड़े जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत महसूस की। अब तक दो मादा और दो नर भेड़िए पकड़े जा चुके हैं।
अब तक 10 लोगों को बनाया शिकार
सूत्रों के अनुसार, पिछले मार्च महीने से बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के कई गांवों में भेड़ियों ने कई हमले किए। इनमें 8 मासूम बच्चों सहित 10 लोगों की जान गई और 37 से अधिक लोग घायल हुए। हमलों के बाद इलाके में 4 पिंजरे और 8 थर्मोसेंसर कैमरे लगाए गए। साथ ही, थर्मल ड्रोन से क्षेत्र में निगरानी भी शुरू की गई।
मशक्कत के बाद मादा Bahraich Wolf पिंजरे में
हाल के दिनों में (Bahraich Wolf) चार भेड़ियों को पहले ही पकड़ लिया गया था, लेकिन कुछ अन्य भेड़िए भागने में कामयाब हो गए। वन विभाग ने इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया और आखिरकार मंगलवार सुबह एक मादा भेड़िया सिसैया चूरामणि के हरिबक्स पुरवा के पास पिंजरे में कैद हो गई। वन विभाग के कर्मचारी उसे रेंज कार्यालय ले गए। प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक पांच भेड़िए पकड़े जा चुके हैं, और बाकी भेड़ियों को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।
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ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
इससे पहले, लोगों को भेड़ियों से बचाने के लिए पुलिस और शूटरों की टीमें गांवों में तैनात की गई थीं। साथ ही, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीमें रात में पेट्रोलिंग कर रही हैं। ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने बच्चों को सुरक्षित रखें और रात में घरों के दरवाजे बंद करके ही सोएं।