कोर्ट की मंजूरी के बाद संजय रॉय को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। चूंकि पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति जरूरी होती है। अगर संजय सहमति देता हैं, तो CBI तुरंत इस टेस्ट को शुरू करने के लिए तैयार रहेगी। इस टेस्ट में CBI झूठ पकड़ने वाली मशीन का इस्तेमाल कर आरोपी की आवाज का विश्लेषण करेगी, जिससे यह पता चलेगा कि वे सच बोल रहे हैं या झूठ।
रेप और हत्या के इस मामले में CBI की कई टीमें एक साथ काम कर रही हैं। रविवार को सीबीआई की फॉरेंसिक टीम ने आरजी कर अस्पताल का फिर से निरीक्षण किया और इसके बाद 3 घंटे तक 3D लेजर तकनीक का उपयोग करके स्थल की मैपिंग की। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को यह मामला CBI को सौंपा था। इस जांच के तहत सीबीआई ने कोलकाता पुलिस के कई अधिकारियों से भी पूछताछ की है।
CBI लगातार आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। तीसरे दिन भी सीबीआई ने उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की। संदीप घोष से अब तक इस मामले में 36 घंटे बात की जा चुकी है। सीबीआई उनके कॉल रिकॉर्ड्स और चैट्स की भी जांच कर रही है। कॉलेज के पास किसी भी तरह के प्रदर्शन पर 24 अगस्त तक रोक लगा दी गई है।
आपको बता दें, पॉलीग्राफ टेस्ट में 3 तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, आरोपी की उंगलियों, सिर और शरीर के कई हिस्सों को मशीन से जोड़ा जाता है। इसके बाद आरोपी से कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। पल्स रेट, ब्लड प्रेशर और दूसरे रिएक्शन के आधार पर मशीन एक ग्राफ तैयार करती है, जिससे पता चलता है कि आरोपी सच बोल रहा है या झूठ।
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इस प्रक्रिया के तीन मुख्य हिस्से होते हैं। पहला है न्यूमोग्राफ, जो आरोपी की सांस लेने की गहराई को मापता है। अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलता है, तो उसकी सांस लेने के तरीके में बदलाव आ सकता है, जिसे मशीन पकड़ लेती है।