नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले बीजेपी की एक गुप्त बैठक हुई। मीटिंग को लीड पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे थे। गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा के अलावा पार्टी के अन्य दूसरे नेता भी मौजूद रहे। इस मौके पर कई घंटे तक मंथन चला। बिहार में कमल का फूल खिलाने को लेकर रणनीति बनाई गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर मंथन हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अपनी फाइनल मुहर लगा दी है। आरएसएस ने भी पीएम नरेंद्र मोदी के नेता पर कलम चला दी है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय और यूपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाओं और परामर्श वाली प्रक्रिया पूरी कर ली है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी को अपना राष्ट्रीय चीफ बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मिल जाएगा। इसके साथ ही यूपी को भी नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी का न्यू बॉस ब्राम्हण समाज से हो सकता है।
बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन पूरा कर चुकी है। नाम और डेट भी फाइनल हो चुकी है। फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी लड़ने जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अगले एक-दो दिन के अंदर बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर देगी। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी ने 80 से ज्यादा पदाधिकारियों से राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर राय मांगी थी। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच एक बड़ी बैठक भी हो चुकी है। पहले जिन नामों पर चर्चा चल रही थी, उसमें एक नाम और जुड़ गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में शिवराज सिंह चौहान, मनोहरलाल खट्टर, धमेंद्र प्रधान नाम पहले पायदान पर बताए जा रहे हैं। अब सुधांशु त्रिवेदी को लेकर भी सोशल मीडिया में जबरदस्त चर्चा है। सुधांशु त्रिवेदी ब्राम्हण समाज से आते हैं और उन्हें बीजेपी के बड़े नेताओं का करीबी भी बताया जाता है।
हालांकि सोशल मीडिया पर ये चर्चा कहां से और कैसे आई, इसका कोई अधिकारिक जवाब नहीं मिल पाया है और ना ही बीजेपी के किसी नेता या पदाधिकारी ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं सुधांशु त्रिवेदी, उनका अब तक का सफर कैसा रहा है। डॉ. सुधांशु त्रिवेदी का जन्म 20 अक्टूबर 1970 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उनके पिता का नाम यूडी त्रिवेदी और मां का नाम प्रियंवदा त्रिवेदी है। सुधांशु त्रिवेदी ब्राह्मण परिवार से आते हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुधांशु त्रिवेदी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (तत्कालीन यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की। गणित और इंजीनियरिंग के प्रति गहरी रुचि रखने वाले त्रिवेदी ने शुरुआत में इसी क्षेत्र में करियर बनाने का मन बनाया था। उन्होंने कई यूनिवर्सिटीज में बतौर फैकल्टी और वक्ता काम किया। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय समेत कई संस्थानों में पढ़ाने के बाद उनकी पहचान एक गंभीर अकादमिक और बेहतरीन वक्ता के तौर पर बनी।
कहा जाता है कि सुधांशु त्रिवेदी राजनीति में बहुत छोटी उम्र में आ गए थे। राजनीति के प्रति गहरी समझ और रुचि ने उन्हें जल्द ही मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स का हिस्सा बना दिया। वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार रह चुके हैं। उन्होंने भारत सरकार के एक केंद्रीय मंत्री के भी एडवाइजर के तौर पर काम किया। इतना ही नहीं, वे महज 35 साल की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार भी बनाए गए। यहां से उनकी पहचान संगठन के भीतर और मजबूत होती चली गई। साल 2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए ऐतिहासिक साबित हुए। इन चुनावों में सुधांशु त्रिवेदी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। वे पार्टी की मीडिया और कम्युनिकेशन टीम का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अमित शाह जैसे दिग्गज नेताओं के प्रचार अभियानों को रणनीतिक रूप से संभाला। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिली और राजस्थान की कमान सौंपी गई। उनकी रणनीतिक सोच और संगठनात्मक क्षमता ने पार्टी नेतृत्व को और प्रभावित किया।
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। उनकी वाकपटुता और तार्किक बहस ने उन्हें टीवी डिबेट्स का स्टार बना दिया है। कई बार ऐसा हुआ है जब विपक्षी प्रवक्ता उनके तर्कों के सामने खामोश हो गए। साल 2019 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। यह सीट पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद खाली हुई थी। त्रिवेदी को निर्विरोध चुना गया, जो उनके राजनीतिक कद को दिखाता है। सुधांशु त्रिवेदी निजी जीवन राजनीति और अकादमिक क्षेत्र से इतर सुधांशु त्रिवेदी का निजी जीवन भी काफी सादा है। उन्होंने 8 मई 2009 को शालिनी तिवारी से शादी की। दंपति के एक बेटा और एक बेटी है। फिलहाल वे नई दिल्ली के पंडारा रोड पर रहते हैं। अब सबसे बड़ा सवाल-क्या सुधांशु त्रिवेदी बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं? राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो त्रिवेदी के पास कई मजबूत पक्ष हैं, संगठन का गहरा अनुभव है, पार्टी नेतृत्व के करीबी रिश्ते, मीडिया में जबरदस्त पकड़ और लोकप्रियता।
सुधांशु त्रिवेदी की साफ-सुथरी छवि। राजनाथ सिंह और सीएम योगी से मित्रता। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का विश्वासपात्र। ये सब कई कारण हैं, जो उन्हें इस रोल के लिए फिट बैठाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी अध्यक्षी की जिम्मेदारी सुधांशु त्रिवेदी को मिलना मुश्किल है। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ही करेगा। लेकिन इतना तय है कि उनके नाम पर चर्चा होना ही इस बात का सबूत है कि संगठन में उनकी स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है। डॉ. सुधांशु त्रिवेदी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने पढ़ाई-लिखाई और अकादमिक पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत जगह बनाई है। इंजीनियरिंग से लेकर राज्यसभा तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। सोशल मीडिया पर चाहे उनकी वाकपटुता की चर्चा हो या बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में उनका नाम-सुधांशु त्रिवेदी फिलहाल भारतीय राजनीति के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं।










