Naxalites India Gate Pollution Protest: दिल्ली के इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे एक विरोध प्रदर्शन में नक्सली समर्थक नारे लगाए जाने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रदर्शन के दौरान युवाओं के एक समूह ने हाल ही में मारे गए वांटेड नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में ‘कॉमरेड हिडमा अमर रहे’ और ‘लाल सलाम’ जैसे नारे लगाए। “जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा,” जैसे आपत्तिजनक नारे सुनकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं।
Delhi Police confirms anti-pollution (urban naxal) protesters used chilli spray against police personnel at India Gate, directly targeting their eyes.
This is the first such assault on officers in the national capital. Injured cops are under treatment at RML Hospital. pic.twitter.com/eJiN7g0cSI
— Defence News Of INDIA (@DefenceNewsOfIN) November 24, 2025
नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में नारेबाजी
देश की राजधानी के अति संवेदनशील इलाके में प्रदूषण के मुद्दे पर शुरू हुए इस प्रोटेस्ट में अचानक Naxalites माओवादी कमांडर माडवी हिडमा का महिमामंडन शुरू हो गया। बीते 18 नवंबर को ही सुरक्षाबलों ने एक बड़े नक्सल-विरोधी ऑपरेशन में 45 लाख रुपये के इनामी हिडमा और उसकी पत्नी को मार गिराया था, जिसे ‘नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील’ बताया गया था।
"Hidma is a tribal who took up arms to fight for their rights"- this idi0t is here to protest against 'Delhi Air Pollution'
Same "Laal Salam" Bast@rds celebrated when Hidma led att@ck on 75 CRPF Jawans in 2010.
It's not her fault. Their minds are polluted by Urban Naxals.… pic.twitter.com/Qrhs1Vh45S
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) November 24, 2025
प्रदर्शनकारियों की इस नारेबाजी का वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद विवाद गहरा गया है। इंडिया गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और एहतियात के तौर पर इलाके को बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस पर हमले का आरोप भी सामने आया है।
कौन था वांटेड नक्सली माडवी हिडमा?
51 वर्षीय Naxalites माडवी हिडमा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। वह कुख्यात माओवादी कमांडर था और लगभग 26 बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार था। बीते 34 साल में उस पर 367 हत्याओं का मामला दर्ज था, जिसमें लगभग 260 सुरक्षाकर्मी और 107 नागरिक शामिल थे।
हिडमा ने छत्तीसगढ़ में हुए कई सबसे बड़े नक्सली हमलों का नेतृत्व किया था:
2010 दंतेवाड़ा अटैक: इसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
2013 झीरम घाटी हमला: इसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं समेत 32 लोगों की जान गई थी।
2017 सुकमा हमला और 2021 जोनागुड़ा मुठभेड़ जैसे नरसंहारों में भी उसकी मुख्य भूमिका पाई गई थी।
सुरक्षाबलों की इस बड़ी सफलता के कुछ ही दिनों बाद, राजधानी में इस तरह नक्सलियों के समर्थन में आवाज उठना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।



