Delhi Red Fort Blast : दिल्ली में हाल ही में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पड़ताल में खुलासा हुआ कि यह मॉड्यूल हमास की तरह ड्रोन-बम और मिनी-रॉकेट तैयार कर रहा था, जिनका इस्तेमाल भीड़भाड़ वाले इलाकों में बड़े हमलों के लिए किया जाना था। जांच में यह भी सामने आया कि मॉड्यूल नए आतंकियों की भर्ती के लिए “जिहादी फौज” बना रहा था, जिसमें शामिल होने के लिए तीन अलग-अलग इम्तिहान पास करने पड़ते थे—जिसमें धार्मिक कट्टरता, तकनीकी क्षमता और आत्मघाती हमले की मानसिक तैयारी की जांच शामिल थी।
गिरफ्तार आतंकी जैसर बिलाल वानी समेत कई सदस्य हमलों में ड्रोन को हथियार बनाने, उनके सर्किट संशोधित करने और रॉकेट तैयार करने जैसी हाई-टेक जिम्मेदारी संभाल रहे थे। NIA का कहना है कि यह साजिश हमास और ISIS की रणनीति से प्रभावित थी और दिल्ली सहित कई भारतीय शहर इस मॉड्यूल के निशाने पर थे। सुरक्षा एजेंसियों ने अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश तेज कर दी है। दिल्ली में लालकिले बम धमाके मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। NIA को ऐसे वीडियो मिले हैं जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच गहरे रिश्तों को उजागर करते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि इस साजिश की स्क्रिप्ट फरवरी में लिखी गई थी और अब ये नेटवर्क बेनकाब हो रहा है। दिल्ली धमाके की जांच में पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमास की रणनीति अपना रहा है।आईएनए के अधिकारियों के अनुसार व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के कश्मीर से हरियाणा समेत कई राज्यों में नेटवर्क फैला हुआ था। जांच एजेंसियों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमास की रणनीति अपना रहा है।







