लखनऊ। सुल्तानपुर के एक गांव से बड़ी खबर सामने आई है. यहां पर प्रशासन और ग्रामीणों की बड़ी लापरवाही से दो गोवंशों की मौत हो गई है. लोगों के निर्दयता के चलते दो गायों की भूख से तड़प-तड़प से मौत हो गई है. दरअसल आवारा पशुओं के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने एक दिन पूर्व सैकड़ों गोवंशों को स्कूल में पकड़कर बंद कर दिया था. चौबीस घंटे बेजुबान पशु ठंड में चारा-पानी के बगैर बंद रहे. प्रशासनिक अधिकारियों की कान पर जूं तक नहीं रेगी. आज जब पशुओं को गोशाला ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो दो गोवंश मृत पाए गए. मामला हलियापुर के सिंदुरापुर डीह गांव का है.
यह भी देखें- Parliament Attack: संसद में चूक को लेकर भड़के Rahul Gandhi, Unemployment और मंगाई का उठाया मुद्दा
दो सौ से अधिक गायों को बनाया बंधक
बता दें कि सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील अंतर्गत सिंदुरापुर डीह गांव में ग्रामीण आवारा पशुओं के आतंक से काफी परेशान थे, क्योंकि ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो रही थी. लेकिन शिकायत के बाद भी आवारा पशु गौशाला में नहीं ले जा रहे थे. ऐसे में ग्रामीणों ने रविवार को प्राथमिक विद्यालय सिंदुरापुर डीह में दो सौ से अधिक आवारा पशुओं को बंधक बना दिया था. सुबह से लेकर रात भर जानवर विद्यालय में भूखे-प्यासे बंद रहे और किसी ने कोई खोज खबर नहीं रखी.
जरूरी पदाधिकारियों से की गई शिकायत
गौरतलब है कि किसान सत्येंद्र प्रताप सिंह, सियाराम, शिव मूरत, ध्रुव राज, बृजेश, लवलेश, संतोष, शुभम कुमार, रमेश कुमार, आदित्य, महेश कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग ग्राम प्रधान, सचिव व ब्लॉक पर खंडविकास अधिकारी तक से इसकी शिकायत कर चुके थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हम लोगों ने परेशान होकर यह निर्णय लिया, सोमवार को खंड विकास अधिकारी एस एन सिंह ने मामले का संज्ञान लिया. सुबह 8 बजे के लगभग एक पिकअप वाहन से जानवरों को हलियापुर गोशाला भिजवाया जा रहा था.
ये भी पढ़ें :- Bigg Boss 17 से बाहर हुई खानजादी बजर टास्क के चलते छोड़ना पड़ा शो
इस मामले में कोई बोलने को नहीं है तैयार
लेकिन संख्या अधिक थी इसलिए ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गोकरन शुक्ला ने दोपहर में ग्रामीणों को इकट्ठा करके ताला खोलकर सारे जानवरों को हलियापुर के लिए भिजवाने की व्यवस्था सड़क मार्ग से की. इतने में विद्यालय में दो गोवंश मरे हुए दिखाई पड़े. माना जा रहा है कि इनकी मौत भूख-प्यास से तड़प कर हो गई. दो गायों के दम तोड़ने के बाद इस बात पर कोई बोलने को तैयार नहीं है.