Eid-ul-Fitr 2024 : मीठी ईद, कल यानी 11 अप्रैल को मनाया जाएगा। रमजान के पवित्र माह के आखिरी दिन, चांद मुबारक, में चांद देखने के बाद ईद का पर्व मनाया जाता है, जो 10वें महीने, शव्वाल के स्वागत में मनाया जाता है। आप जानते हैं कि ईद का पर्व हमें क्या सिखाता है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान 9वें महीने में है, जबकि ईद 10वें महीने में मनाया जाएगा। रमजान 10वें महीने का स्वागत है। 9 का अंक इकाई ही है, जबकि 10वां महीना इकाई से दहाई में जा रहा है। रमजान का महीना भी समूह में रहने का संदेश देता है, अगर इसके छोटे-छोटे पहलुओं को देखें।
जिसके पास जितना, उतने में रहे खुश
व्यक्ति को समूह में जीने के लिए स्नेह, प्रेम और दया की जरूरत होती है, Eid-ul-Fitr 2024 और जो व्यक्ति इन गुणों को रखता है, उसका जीवन खुशी से भरा रहेगा। 10वें महीने में आने वाले ईद पर्व के लिए शरीर और मन को तैयार करने के लिए रमजान महीने में कुछ नियम बनाए गए हैं.
इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति अपने निजी जीवन में भी नियम बना सकते हैं। सूर्य निकलने से पहले फजीर के नमाज के पहले सो जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।शरीर की तंत्रिका प्रणाली इस समय आंतरिक सफाई करती है।
बाद में सूरज डूबने से पहले मगरिब की नमाज करने के दौरान अफ्तार का वक्त भी बहुत महत्वपूर्ण है। अब वातावरण में ऐसी तरंगें हैं, जिससे खाने से शरीर और मन स्वस्थ रहता है। सूर्य डूबने से पहले कुछ धर्मावलंबी भोजन करते हैं।
पवित्र कुर-आन क्या कहता है?
रमजान महीने में हर रात एशा के नमाज में कुरान पढ़ा और सुना जाता है। Eid-ul-Fitr 2024 यह आसमानी किताब और मुसलमानों का पवित्र धर्मग्रंथ, कुर-आन, कुरान का शुद्ध उच्चारण है।
इसमें तीस ‘पारे’, छोटी-बड़ी 114 ‘सूरतें’, 6640 ‘आयतें’ और 540 ‘रकूअ’ हैं। एक रकूअ में एक बार खड़े होकर बैठने तक, दो सजदे (जमीन पर माथा टेकना) शामिल हैं।
पूरा विज्ञान ईद के आने से पहले मन-मस्तिष्क को खुशी से भर देता है। “क़ुर-आन” शब्द में “क़ुर” का मतलब शीतलता है और “आन” का मतलब लम्हा है। यानी की जिंदगी में किसी भी तरह का उत्तेजना, क्रोध या तनाव नहीं होना चाहिए।
‘या अल्लाह-नेकी में लगाओ और बुराइयों से बचाओ’
धार्मिक रूप से एक महीना कुरान पढ़ने या सुनने और शव्वाल महीने में आने वाले ईद के लिए पूरी तरह से तैयार होने का महीना है। ईद भी “ऊद” से बना है, जिसका अर्थ है सुगंध।
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रमजान, जीवन को सुगंधित बनाने का माह, हर साल आता है और यह कहता है कि इस्लामियों को ऐसा करना चाहिए कि वे जहां भी रहें, खुशबू फैलाएं।ईद की नमाज के दौरान दिए जाने वाले खुतबे में कहा गया है कि “या अल्लाह-नेकी में लगाओ और बुराइयों से बचाओ”,
इसे लागू करना भी त्योहार का मकसद है। ईद पर्व का उत्सव है क्योंकि लक्ष्यों को सुनकर भूल जाना नींद है और लक्ष्यों को पूरा करना एक उत्सव है।