नई दिल्ली। केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार हिंसक होता जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी किसान 21 जनवरी को एक बार राष्ट्रीय राजधानी कूच करने की कोशिश की. इसको रोकने के सरकार की तरफ से सख्त सुरक्षा मुहैया कराया गया. दिल्ली में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए यहां के बॉर्डर को सील किया गया. वहीं प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां भी दागे गए. इस घटना में एक 20 वर्षीय प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है.
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16 फरवरी को भारत बंद का हुआ था आह्वान
इससे पहले अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया गया था. उस समय भारत बंद की योजना को लेकर देशभर में इसका मिला-जुला असर देखने को मिलाल था. एनसीआर के ग्रेटर नोएडा में भारत बंद के समर्थन में कई कसानों द्वारा पैदल मार्च निकाला गया था. पैदल मार्च के दौरान नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आक्रोश भी देखने को मिला था.
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किसानों के पास जेसीबी और पोकलेन जैसी गाड़ियां
बता दें कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली के बॉर्डर पर जाम लगे हुए हैं. दरअसल अन्य राज्यों से जुड़ने वाली सीमाओं पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है. इसके कारण मुख्य तौर पर दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़कों पर गाड़ियों का लंबी कतारे लगी हुई है. करीब सभी बॉर्डर पर किसान और सुरक्षाकर्मी आमने-सामने हैं. इस बार दिल्ली कूच करने के लिए किसान पूरी तैयारी के साथ आए हैं. प्रदर्शनकारियों ने अपने बेड़े में जेसीबी और पोकलेन जैसी गाड़ियों को शामिल किया है. वहीं सुरक्षाकर्मियों द्वारा छोड़े जा रहे है आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियों से बचने के लिए भी शील्ड लगाए हुए हैं.