Greater Noida: प्राधिकरण की लापरवाही और भू-माफिया के बढ़ते हौसलों ने शहर में जमीनों की अवैध बंदरबांट का खेल तेज कर दिया है। अधिसूचित जमीनों पर अवैध रूप से कॉलोनियों की कटाई धड़ल्ले से हो रही है, और प्राधिकरण के अधिकारी इस गंभीर मामले में आंख बंद करके बैठे हुए हैं। सैकड़ों बीघे जमीन पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं, जिनमें मासूम बायर्स को सस्ते आशियाने का लालच देकर ठगा जा रहा है।
बायर्स के लिए ‘महंगा खेल’
ग्रेटर नोएडा में घर का सपना देखने वाले लोगों के साथ बड़ा धोखा हो रहा है। भू-माफिया अधिसूचित जमीनों पर कॉलोनियां काटकर उन्हें बेच रहे हैं, लेकिन बाद में जब प्राधिकरण कार्रवाई करता है, तो बायर्स को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में छपरौला माजरा खेड़ा धर्मपुर इलाके में सैकड़ों बीघे जमीन पर अवैध कॉलोनियों की कटाई की जा रही है, जिसमें बायर्स के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।
विधायक की शिकायत, लेकिन कार्रवाई नदारद
बीते साल 19 नवंबर को दादरी (Greater Noida) विधायक तेजपाल नागर ने इस मामले की शिकायत की थी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी को लिखित में पत्र भेजा था। पत्र में बताया गया था कि बादलपुर थाना क्षेत्र के छपरौला गांव में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इसके बाद न्यूज़ वन इंडिया ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, लेकिन 10 महीने बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
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अवैध कॉलोनियों पर सरकारी जमीनें भी कब्जे में
समतल एन्क्लेव के नाम से 336 बीघे जमीन पर कॉलोनियां काटी जा रही हैं, जिसमें ग्रामसभा की कुछ सरकारी जमीनों पर भी अवैध रूप से कब्जा किया गया है। जमीन के खसरा नंबर 1215, 1210, 1217, 1216, 1219, 1220, 1221, 1223, 1233, और 1235 पर कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो भोले-भाले लोगों को यह जमीनें बेची जा रही हैं, जो भविष्य में बड़े कानूनी विवादों का सामना करेंगे।
प्राधिकरण की चुप्पी पर उठते सवाल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की इस मामले पर खामोशी से सवाल उठ रहे हैं कि क्या भू-माफिया का यह सिंडिकेट इतना ताकतवर हो चुका है कि प्राधिकरण भी उनके आगे नतमस्तक हो गया है? या फिर प्राधिकरण के कुछ लोग भी इस खेल में शामिल हैं? फिलहाल, प्राधिकरण की निष्क्रियता और अवैध कॉलोनियों की कटाई से आने वाले दिनों में सैकड़ों बायर्स के लिए यह बड़ा धोखा साबित हो सकता है।
(निशांत शर्मा की रिपोर्ट)