कांग्रेस की पहली सूची में 28 नाम ऐसे हैं जो पहले विधायक थे। इनके टिकट पहले से तय थे, इनकी सीटों पर कोई दूसरा बड़ा दावेदार नहीं था। पार्टी ने सिर्फ 3 सीटों पर चेहरे बदले हैं। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस सूची के जरिए सभी गुटों को साधने की कोशिश की। कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के 24 और कुमारी शैलजा के चारों विधायकों को टिकट दिया है। इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को भी टिकट दिया है। पार्टी ने नूंह हिंसा मामले में शामिल चार विधायकों और दूसरे दलों से आए 2 नेताओं को भी टिकट दिया है।
भाजपा के खिलाफ जाटों की नाराजगी को भुनाने की कोशिश
Haryana कांग्रेस ने पहली सूची में जाट समुदाय के 9 नेताओं को टिकट दिए हैं। कांग्रेस ने गढ़ी-सांपला किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, जुलाना से विनेश फोगाट और गोहाना से जगबीर मलिक को मैदान में उतारा है। ऐसे में 9 जाटों को टिकट देकर इस समुदाय की भाजपा के प्रति नाराजगी को पूरी तरह भुनाने की कोशिश की है।
दलितों और ओबीसी को भी साधा
Haryana कांग्रेस ने एससी समुदाय को 9 टिकट दिए। होडल से चुनाव हार चुके प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सिरसा और अंबाला में एससी आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की थी। आपको बता दें कि प्रदेश की 90 सीटों में से 17 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा पार्टी ने 4 ओबीसी चेहरों पर भी दांव लगाया है। कांग्रेस ने रेवाड़ी से चिरंजीव राव, रादौर से बिशन लाल सैनी, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और सोनीपत से सुरेंद्र पंवार को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पहली सूची में ओबीसी और दलितों को टिकट देकर भाजपा की गैर-जाट राजनीति की रणनीति को विफल करने की कोशिश की है।
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पहली सूची में 3 मुस्लिमों पर दांव
इसके साथ ही Haryana कांग्रेस ने पहली सूची में 3 मुस्लिम चेहरे भी उतारे हैं। फिरोजपुर झिरका से मामन खान, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास और नूंह से आफताब अहमद शामिल हैं। जबकि भाजपा की 67 उम्मीदवारों की सूची में एक भी मुस्लिम नहीं है। इसके अलावा पार्टी ने पहली सूची में पंजाबी, सिख और ब्राह्मण चेहरों को भी महत्व दिया है।