HOLI 2024 : होली रंगों का त्योहार होता है, इस दिन लोग अपनी दुश्मनी भुलाकर एक – दूसरे को दोस्ती और प्यार की नई शुरुआत के लिए रंग लगाते हैं. हर शहर और प्रदेश की अपनी अलग परंपराएं होती हैं, बिहार ( HOLI 2024 ) भी के भी अपने अलग तौर – तरीके हैं, जहां लोग होली पर पुराने कपड़ो की बजाय नए कपड़े पहनते हैं और होली सेलिब्रेट करते हैं. यही नहीं यहां लोग होली के दिन मांस का भी सेवन नहीं करते.
जो लोग बिहार के प्रवासी हैं वह दो ही मौके पर अपने गांव आते हैं. यह खास मौके हैं छठ और होली का. होली पर लजीज और जायकेदार खाना ( HOLI 2024 ) बनाया जाता है. आमतौर पर आपने देखा होगा कि होली पर लोग मांस – मदिरा का सेवन करते हैं, लेकिन बिहार में कुछ अलग ही परंपरा है. जहां के लोग होली पर बढ़िया – बढ़िया पकवान बनाते हैं और खुद खाने से ज्यादा दूसरों को खिलाने में खुश होते हैं. आज हम बिहार के एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने वाले हैं जहां होली पर मांसाहारी खाना और शराब पीना एकदम वर्जित माना गया है. इस गांव का नाम है सोवां जो जिला बक्सर है.
लोगों में है एकता –
बक्सर जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर सोवां नामक गांव है, यहां कई पीढ़ियों से होली के दिन मांसाहारी खाना और शराब पीने का वर्जित माना गया है. इस दिन लोग खास पकवान – पुआ ( HOLI 2024) बनाते हैं, जिन्हें गुलगुले भी कहा जाता है. स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव में हर समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन जब गांव की पुरानी परंपरा की बात आती है तो सभी लोग एक साथ मिलकर इसको मनाते हैं. गांव को कोई भी व्यक्ति एक दूसरे को नहीं कहता कि आप ये करो वो करो, सभी लोग खुद से ही नियम के अनुसार कार्य करते हैं.
नहीं निकाले दुश्मनी –
आमतौर पर देखा जाता है कि आज के समय में कई मामले ऐसे आए हैं जब होली जैसे त्योहार पर लोग अपनी बरसों की दुश्मनी को निकाल लेते हैं. लेकिन यहां लोगों का कहना है कि हम सभी इस परंपरा से खुश हैं कि हम गांव वाले एक दूसरे के साथ त्योहार को मनाते हैं. हम अपने त्योहार पर न तो किसी जानवर की जान लेते हैं और न ही किसी व्यक्ति से दुश्मनी करते हैं. वहीं इस दिन सभी लोग दिवाली की ही तरह नए – नए पोशाक पहनते हैं और रंग से खेलते हैं.