नई दिल्ली: बीते मंगलवार यानी 20 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का स्वागत किया था और आज 21 अगस्त को वह पोलैंड (Poland) के लिए रवाना हो गए। बता दें, कि यह 45 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड की यात्रा है। दोनों देशों के बीच साल 1955 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, और अब पीएम मोदी की यह यात्रा इन संबंधों के 70 साल पूरे होने के अवसर पर हो रही है।
इससे पहले साल 1979 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पोलैंड (Poland) का दौरा किया था। पीएम मोदी का दौरा 21 अगस्त से 22 अगस्त तक चलने वाला है और इसका उद्देश्य रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
पोलैंड (Poland) के बाद, प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन का दौरा करेंगे, जो वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। चलिए बताते हैं आखिर पोलैंड के साथ भारत के रिश्ते कैसे हैं?
पिछले 45 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड की यात्रा नहीं की है। इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों देशों के संबंधों में कोई कमी आई है। भारत और पोलैंड के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध बने हुए हैं। साल 1954 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुई और साल 1957 में भारत ने वारसॉ में अपना दूतावास खोला था। पंडित नेहरू की साल 1954 की पोलैंड यात्रा के बाद साल 1979 तक भारतीय नेताओं द्वारा पोलैंड का दौरा नियमित रूप से होता रहा। साल 1989 में पोलैंड द्वारा लोकतंत्र अपनाने के बाद भी दोनों देशों के संबंध घनिष्ठ बने रहे। साल 2004 में पोलैंड के यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद यह साझेदारी और मजबूत हुई और पोलैंड मध्य यूरोप में भारत के एक प्रमुख सहयोगी के रूप में उभरा।
भारत और पोलैंड कई क्षेत्रों में सहयोग करते हैं, जिनमें संस्कृति, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, विदेश नीति, आतंकवाद और क्राइम, डिफेंस, आर्थिक सहयोग, स्वास्थ्य सेवाएं और कोयला और खनन शामिल हैं। साल 1989 में लोकतंत्र अपनाने के बाद, पोलैंड ने भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली को समझने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भारत भेजा था, जिससे उसने अपने देश में भी एक प्रभावी लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश की। इसके बाद पोलैंड ने साल 1992, 2000, 2002 और 2003 में अपने प्रतिनिधिमंडल भारत भेजे थे। 2002 में, तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भी पोलैंड का दौरा किया था।
पोलैंड मध्य और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक और निवेश पार्टनर है। साल 2013 से 2023 के बीच पोलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार में 192% की वृद्धि हुई है, जो 2013 में 1.95 बिलियन अमेरिक डॉलर से बढ़कर 2023 में 5.72 बिलियन हो गया है। भारत से पोलैंड को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में बैस मेटल, कपड़ास केमिकल प्रोडक्ट्स, मैकेनिकल प्रोडक्ट्स, फुटवियर और हेडगियर, प्लास्टिक, रबर और उनसे बने उत्पाद, सिरेमिक और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। निवेश के मामले में, पोलैंड ने भारत में कुल 685 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जबकि भारत द्वारा पोलैंड में किए गए निवेश की राशि अब लगभग 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। कई भारतीय कंपनियां पोलैंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
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योग के प्रति पोलैंड का जुड़ाव काफी पुराना है। इसकी शुरुआत लगभग 100 साल पहले हुई थी। भारत की तरह ही, यहां भी योग बेहद पसंद किया जाता है, पोलैंड लगभग 3 लाख लोग नियमित रूप से योगा करते हैं। पोलैंड में हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पोलैंड में लगभग 25000 भारतीय निवास करते हैं, जिनमें से ज्यादातर व्यापारी और नौकरी पेशेवर हैं जो साम्यवाद के पतन के बाद वहां बसे हैं। इसके अलावा, लगभग 5000 भारतीय छात्र पोलैंड में पढ़ाई कर रहे हैं।