Janmashtami 2024: इस वक्त से शुरू होगा लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

देशभर में सभी मंदिर (Janmashtami 2024) सजाए जा चुके हैं। लोगों के बीच जन्माष्टमी को लेकर हर साल की तरह भारी हर्ष देखने को मिल रहा है।

नई दिल्ली: देशभर में सभी मंदिर (Janmashtami 2024) सजाए जा चुके हैं। लोगों के बीच जन्माष्टमी को लेकर हर साल की तरह भारी हर्ष देखने को मिल रहा है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का अपना विशेष महत्व होता है, तो चलिए जानते हैं आज यानी 26 अगस्त के दिन पड़ने वाली जन्माष्टमी के मुहूर्त और पूजन तिथि के बारे में।

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी रविवार 25 अगस्त 2024 को शाम 6:09 बजे से शुरू होकर सोमवार 26 अगस्त 2024 को शाम 4:49 बजे समाप्त होगी। इस साल जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन चंद्रमा के वृषभ राशि में होने से जयंती योग का निर्माण हो रहा है, जो पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस योग में पूजा करने से विशेष रूप से शुभ फल की प्राप्ति होती है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन मध्यरात्रि 12:01 बजे से 12:45 बजे तक का शुभ मुहूर्त रहेगा, जिसमें भक्तों के पास पूजा के लिए कुल 45 मिनट का समय होगा।

पूजा के लिए एक चौकी पर पीले या लाल (Janmashtami 2024) कपड़े से स्थान सजाएं और पूजा की थाली रखें। रुई, दीपक, तेल, अगरबत्ती, कपूर, धूप गेंदे के फूल, तुलसी पत्ते, केले के पत्ते, सुपारी, पान के पत्ते, गुलाब के फूल, लड्डू और पेड़ा जैसी मिठाइयां फल, दही, मक्खन, मिश्री, पंचमेवा, दही, दूध, घी, शहद, और चीनी, गंगाजल, इत्र, चंदन, कुमकुम, अक्षत और शुद्ध जल लड्डू गोपाल (Janmashtami 2024) को अर्पित करें। लड्डू गोपाल के श्रृंगार के लिए बांसुरी कुंडल, पगड़ी, कड़े, माला, टीका, कमरबंध, काजल और मोरपंख रखें। इसके साथ ही उनके लिए झूला भी तैयार करें। कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाएं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान कृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

जन्माष्टमी के दिन जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर मोरपंख चढाएं। घर के मंदिर में भी भगवान को मोरपंख चढ़ाएं। इसके बाद लड्डू गोपाल मूर्ति का सुंदर श्रृंगार करें और उनके लिए झूला सजाएं। पूजा के समय भगवान कृष्ण के मंत्र का 108 बार जाप करें। रात 12 बजे की पूजा से पहले दोबारा स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर पूजा की तैयारी करें। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कर उन्हें फूल-फल अर्पित करें और पकवानों का भोग लगाएं। जन्माष्टमी की कथा सुने और अंत में भगवान की आरती करें।

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कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यशोदा नंदन की विधिवत पूजा करने से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। जिन दंपतियों को संतान की कामना है, उन्हें इस दिन विशेष रूप से लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए और माखन, दही, दूध खीर, मिश्री, और पंजीरी का भोग लगाना चाहिए। इस व्रत से जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है और धन-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

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