Kal Baisakhi Storm: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में गुरुवार को कुछ लोगों के ऊपर कुदरत का कहर बरपा। काल बैसाखी तूफान के कारण बिजली गिरने (Kal Baisakhi Lightening Death) से अब तक 11 लोगों की मौत की खबर है। इस दौरान 2 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। मृतकों में दो स्कूली छात्र भी शामिल हैं। ये सभी मौतें पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हुई है।
पश्चिम बंगाल में काल बैसाखी तूफान का असर दिख रहा है। तूफान का सबसे ज्यादा असर मालदा और मुर्शिदाबाद में देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक 11 में से तीन मृतक मालदा थाना क्षेत्र के शाहपुर के रहने वाले हैं। दो मृतक गाजोल थाना के अदीना और रतुआ थाना के बालूपुर के निवासी हैं।
हरिशचंद्रपुर में एक खेत में काम कर रहे पति-पत्नी की भी बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। अन्य सभी मृतक इंग्लिशबाजार और मनिकचक थाना क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज मुर्दाघर में लाने की व्यवस्था की है।
यह भी पढ़ें : बदसलूकी मामले में Swati Maliwal का पहला रिएक्शन, BJP से की खास गुजारिश
क्या है काल बैसाखी तूफान? (What is Kal Baisakhi?)
काल बैसाखी तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ आने वाला तूफान है। इसमें अक्सर ओलावृष्टि के साथ बारिश होती है। काल बैसाखी को नॉरवेस्टर भी कहा जाता है। इस तूफान के कारण पश्चिम बंगाल समेत कई उत्तर-पूर्वी राज्यों में तेज आंधी-तूफान देखने को मिल सकता है। इस तूफान के कारण तापमान में कमी आ जाती है।
काल बैशाखी मार्च से लेकर उत्तर-पूर्वी भारत में मानसून आने तक जारी रहता है। इसका असर बैसाख (वैशाख) के महीने में ज्यादा होता है। इस वजह से इसे काल बैसाख कहते हैं। ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम में भी इसका असर देखने को मिलता है। बांग्लादेश में भी काल बैशाखी का असर होता है।