38 दिन बाद झुकी ममता बनर्जी सरकार: जूनियर डॉक्टरों की मांगें स्वीकार

38 दिनों से धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के आगे आखिरकार ममता बनर्जी सरकार को झुकना पड़ा। सोमवार रात मुख्यमंत्री और डॉक्टरों के बीच हुई बैठक में कई प्रमुख मांगों पर सहमति बनी, हालांकि डॉक्टरों ने आश्वासन लागू होने तक धरना जारी रखने का फैसला किया।

Kolkata

Kolkata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 38 दिन से धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के सामने आखिरकार झुकना पड़ा। सोमवार रात को सरकार और आंदोलनकारी डॉक्टरों के बीच पांच घंटे चली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की 99 प्रतिशत मांगों को स्वीकार करते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार उनकी प्रमुख चिंताओं को सुलझाने के लिए तत्पर है। यह बैठक शाम 7 बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चली, जिसके बाद डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल Kolkata सॉल्टलेक स्थित धरना स्थल पर लौट गया।

बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि सरकार ने उनके कई प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखाया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं होता, वे अपने कार्यस्थल पर वापस नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में से एक सीबीआई जांच की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने अदालत के क्षेत्राधिकार का मामला बताया। ममता बनर्जी ने तीन अन्य प्रमुख मांगों पर सहमति जताई, जिनमें पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है। ममता बनर्जी ने घोषणा की कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल, स्वास्थ्य निदेशक कौस्तुभ नायक और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक देवाशीष हलदर को उनके पद से हटा दिया जाएगा।

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स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट और आंदोलन की जीत

Kolkata धरना स्थल पर जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि ने इसे डॉक्टरों की ही नहीं, बल्कि आम जनता, नर्सों और पूरे स्वास्थ्य समुदाय की जीत बताया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने हमारी मांगों के सामने झुक कर हमारे आंदोलन की जीत को स्वीकार किया है। यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है और जब तक दिए गए आश्वासन लागू नहीं होते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से अपील की कि वे जल्द ही अपने कर्तव्यों पर लौटें, खासकर राज्य में बाढ़, डेंगू और मलेरिया जैसी स्वास्थ्य आपदाओं को देखते हुए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जूनियर डॉक्टरों की एक और महत्वपूर्ण मांग थी कि Kolkata स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और ‘धमकी कल्चर’ को खत्म किया जाए। इसके लिए भविष्य में सरकार के साथ और अधिक वार्ता की संभावना बनी हुई है। हालांकि, डॉक्टरों ने अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने साथियों से विचार-विमर्श करने का संकेत दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई भी विचाराधीन है, जिसके बाद डॉक्टर अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।

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