नई दिल्ली: कोलकाता (Kolkata Rape Murder Case) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब कानून के जाल में पूरी तरह फंस चुका है। भ्रष्टाचार के मामले में पहले ही CBI ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया था और अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने भी अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। आज शुक्रवार को ED ने कोलकाता में 5 से 6 जगहों पर छापेमारी की है, जिनमें संदीप घोष और उनके करीबियों के घर भी शामिल रहे हैं। इनमें आरजी कर अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसुन चटर्जी और संदीप घोष के एक पुराने सहयोगी का घर भी शामिल है। यह छापेमारी कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार को लेकर की गई है।
अब CBI की जांच अपने अंतिम चरण में है। डीएनए रिपोर्ट पहले ही सीबीआई को मिल चुकी है, जिसे अंतिम राय के लिए एम्स (Kolkata Rape Murder Case) भेजा गया था। एम्स के डॉक्टरों का पैनल डीएनए रिपोर्ट की गहन जांच कर रहा है और जल्द ही इसे CBI को सौंपा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, एम्स की अंतिम राय के बाद सीबीआई इस मामले में जांच पूरी करेगी।
बता दें, कि अब तक CBI ने इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं और 10 से ज्यादा लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट (Kolkata Rape Murder Case) कराए हैं, ताकि चार्जशीट में कोई कमी न रहे। इसके अलावा, पीड़िता और आरोपी के डीएनए का मिलान हो चुका है, लेकिन रिपोर्ट आने में अभी कुछ और समय लग सकता है।
जांच से यह साफ हो गया है कि इस अपराध (Kolkata Rape Murder Case) को संजय रॉय ने अकेले ही अंजाम दिया है। CBI के पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और उसके खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। शुरुआती जांच में संदेह था कि इस घटना में और लोग भी शामिल हो सकते हैं!
16 दिनों की लंबी पूछताछ के बाद CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनसे मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और हत्या की घटना, संजय रॉय और वित्तीय अनियमितताओं पर लगभग 250 घंटे पूछताछ की गई थी।
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24 अगस्त को CBI ने संदीप घोष (Kolkata Rape Murder Case) और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार की FIR दर्ज कर अलग जांच शुरू की थी। घोष फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे। अक्टूबर में घोष का तबादला हो गया था, लेकिन एक महीने के भीतर ही वे फिर से उसी पद पर लौट आया था।