Kolkata Rape Murder Case : कोलकाता में कांड को लेकर आज काफी हलचल है। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है, जिसमें सीबीआई की टीम और विशेषज्ञों ने प्रेसिडेंसी जेल में झूठ पकड़ने वाली मशीन का उपयोग किया।
लगभग चार घंटे तक चले इस परीक्षण के बाद, सीबीआई की टीम जेल से बाहर आ गई है। वहीं, दरिंदगी वाले अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर भी छापा मारा। लगभग छह घंटे की रेड के बाद एक टीम चली गई, जबकि दूसरी टीम अभी भी घर पर मौजूद है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदीप घोष की टीम के सदस्य देवाशीष सोम और संजय वशिष्ठ के घर पर भी छापे डाले गए हैं। सीबीआई ने आज सुबह छह बजे ही संदीप घोष के घर पर दस्तक दी, और डेढ़ घंटे की प्रतीक्षा के बाद दरवाजा खोला गया। इसके साथ ही दो सीनियर डॉक्टरों के घर पर भी छापे मारे गए हैं। मेडिकल कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल अख्तर अली की शिकायत पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है।
इस प्रकार, कोलकाता रेप और मर्डर कांड की जांच गहराई से की जा रही है। जिस महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या की गई, उस मामले की जड़ें और भी जगहों पर मिल सकती हैं। ममता सरकार ने धांधलियों की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला भी सीबीआई द्वारा जांचा जाना चाहिए। रविवार की सुबह से सीबीआई ने सक्रिय रूप से कार्रवाई शुरू कर दी है।
संदीप घोष पर क्या हैं आरोप ?
सीबीआई ने ताबड़तोड़ 15 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है और हर जगह तलाशी की जा रही है। संदीप घोष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, और वे दो बार ट्रांसफर किए गए थे, लेकिन अपने प्रभाव के चलते वे आरजी कर अस्पताल में बने रहे। सीबीआई से पहले, भ्रष्टाचार और वित्तीय धांधली की जांच का काफी काम एसआईटी ने कर लिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद, एसआईटी को वित्तीय धांधली के सबूत और दस्तावेज सीबीआई को सौंपने पड़े।
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संजय के साथ 6 लोगों का भी हुआ पॉलीग्राफी टेस्ट
देश को झकझोर देने वाले इस मामले की जांच में लगी सबसे प्रभावशाली एजेंसी सीबीआई के लिए यह एक जटिल केस है। सच्चाई तक पहुंचने के लिए सीबीआई को झूठ पकड़ने वाली मशीनों का सहारा लेना पड़ रहा है। आज इस केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। इससे पहले शनिवार को इस मामले में छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था, जिनमें प्रमुख भूमिका आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की है।