Mayawati BSP Noida rally: कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर 9 अक्टूबर को लखनऊ में सफल रैली के बाद, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष Mayawati अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गढ़ में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने जा रही हैं। 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की तैयारी जोरों पर है, जिसमें पश्चिमी यूपी के कई मंडलों और जिलों के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
यह रैली Mayawati के राजनीतिक विरोधियों को स्पष्ट संदेश देने के लिए हो रही है कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर दमदार तरीके से मैदान में उतरने को तैयार है। हाल के वर्षों में पार्टी का जनाधार खिसकने और दलित-मुस्लिम वोट बैंक में गिरावट की अटकलों के बीच, यह कदम खोए हुए वोटरों को नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साधने का प्रयास है।
कैडर पॉवर से जनाधार साधने की तैयारी
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में बसपा का जनाधार लगातार कम हुआ है, जिससे यह चर्चा आम हो गई थी कि पार्टी का मूल वोट बैंक, विशेषकर दलित और मुस्लिम तबका, अन्य दलों की ओर खिसक रहा है। विरोधी दलों ने पार्टी पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर काम करने का आरोप भी लगाया था। इन अटकलों और आरोपों पर विराम लगाने के उद्देश्य से ही मायावती ने लखनऊ में कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर एक विशाल रैली आयोजित कर राजनीतिक दम दिखाया था, और अब उसी कड़ी में यह नोएडा रैली हो रही है।
गौतमबुद्ध नगर के बसपा जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में मेरठ मंडल के मुख्य प्रभारी मेघानंद जाटव समेत पश्चिमी यूपी के कई बड़े नेता शामिल हुए। जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह ने दावा किया कि बीएसपी का कैडर आज भी बूथ-दर-बूथ पर सक्रिय और संगठित है। उन्होंने बिहार चुनाव में पार्टी द्वारा अपने दम पर एक सीट जीतने का हवाला देते हुए बताया कि 6 दिसंबर की रैली के बाद, प्रदेशभर के कार्यकर्ता मिशन-2027 के लिए पूरी तरह से समर्पित हो जाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि इस रैली से लौटकर कैडर से जुड़े कार्यकर्ता यूपी चुनाव में पार्टी को सत्ता में लाने का संकल्प लेकर जाएंगे। इस शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से बसपा न सिर्फ अपने पुराने वोट बैंक को लामबंद करने की कोशिश करेगी, बल्कि विपक्षी दलों को अपनी मजबूत कैडर आधारित रणनीति से आगाह भी करेगी।










