‘जेल का गेट’ देखा, बाहर आकर जुलूस निकाला; पुलिस ने फिर धर दबोचा!

सपा विधायक शाहिद मंजूर पर जानलेवा हमले के मामले में जमानत पर जेल से छूटे चार दोषियों ने मेरठ में जुलूस निकाला, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें और 15 समर्थकों को दोबारा हिरासत में ले लिया।

Meerut

Meerut News: करीब 25 साल पहले सपा विधायक शाहिद मंजूर और उनके परिवार पर जानलेवा हमले के मामले में सजा काट रहे पूर्व चेयरमैन मतलूब गौड़ के चार भाइयों की हाईकोर्ट से जमानत पर रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश के मेरठ में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सोमवार को आरोपी कलवा, मारूफ, फारूक और नदीम के जेल से बाहर आते ही उनके समर्थकों ने किठौर में एक बड़ा जुलूस निकाला। दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ निकाले गए इस जुलूस में आतिशबाजी की गई और कुछ युवकों ने स्टंट करते हुए हुड़दंग मचाया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

इस अव्यवस्था और कानून के उल्लंघन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया। Meerut सीओ और Meerut एसपी देहात के नेतृत्व में भारी पुलिस बल किठौर पहुँचा और तुरंत कार्रवाई की। पुलिस ने जुलूस में शामिल लोगों पर लाठीचार्ज किया और कुल 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही सात गाड़ियों को भी कब्जे में ले लिया गया। पुलिस ने जमानत पर छूटे चारों मुख्य आरोपियों को भी दोबारा हिरासत में ले लिया है। (117 शब्द)

घटनाक्रम और पुलिस कार्रवाई

आरोपियों – कलवा, मारूफ, फारूक और नदीम – को सोमवार को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। जैसे ही वे किठौर पहुँचे, हापुड़ अड्डा तिराहे पर उनके समर्थक और परिजन बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। जुलूस के दौरान किए गए हुड़दंग और सार्वजनिक अव्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने इसे कानून और व्यवस्था का उल्लंघन माना। वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों के आधार पर पुलिस ने जुलूस में शामिल लोगों की पहचान की और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।

25 साल पुराना मामला

यह Meerut मामला 25 मार्च 2000 का है, जब किठौर के तत्कालीन चेयरमैन शम्स परवेज की दूसरी बार जीत के ठीक अगले दिन विधायक शाहिद मंजूर और उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में मतलूब गौड़ के भाई फारूक उर्फ छोटन, मारूफ, आफताब उर्फ कलवा, भतीजे नदीम समेत अन्य को नामजद किया गया था। मेरठ कोर्ट ने सभी आरोपियों को छह-छह वर्ष की सजा सुनाई थी। एक आरोपी नम्मू की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है। जमानत पर रिहा हुए आरोपियों का दोबारा जुलूस निकालने के लिए Meerut पुलिस ने उन्हें फिर से हिरासत में लिया है, यह एक असाधारण कदम है जो कानून के शासन को बनाए रखने की मंशा को दर्शाता है।

फौजी का ‘लव जिहाद’! शादी का झांसा देकर नाबालिग को मारा, लाश के ऊपर से गया शॉपिंग करने!

Exit mobile version