भारत ने 2024 के पेरिस पैरालंपिक में 20 पदक जीतकर टोक्यो का तोड़ा रिकॉर्ड

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा-एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 20 पदक जीते, जिससे उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। भाला फेंक, ऊंची कूद, और 400 मीटर दौड़ जैसी स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

Paralympics

Paralympics 2024: पेरिस Paralympics 2024 भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जहां भारतीय पैरा-एथलीटों ने अपने साहस, समर्पण और अद्वितीय प्रदर्शन के दम पर 20 पदक जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस अद्वितीय उपलब्धि ने टोक्यो पैरालंपिक में बनाए गए उनके रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। भाला फेंक, ऊंची कूद, और 400 मीटर दौड़ जैसे विभिन्न स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया, जिससे पूरे देश में गर्व की लहर दौड़ गई।

पेरिस Paralympics 2024 में भारत के एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 20 पदक जीते, जिससे उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में बनाए गए अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस बार भारतीय पैरा-एथलीटों ने कई स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन किया।

भाला फेंक F46 में अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर का प्रदर्शन

अजीत सिंह ने जीता रजत पदक

भारत के प्रमुख पैरा-एथलीट अजीत सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक F46 प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। उन्होंने 65.62 मीटर का अपना सबसे अच्छा थ्रो किया।

सुंदर सिंह गुर्जर ने जीता कांस्य पदक

इसी स्पर्धा में सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.96 मीटर का थ्रो करके कांस्य पदक अपने नाम किया।

अजीत सिंह का सफर: एक प्रेरणादायक कहानी

 पृष्ठभूमि और संघर्ष

सिंह का जन्म 1993 में उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ था और वह वर्तमान में ग्वालियर में पढ़ाई कर रहे हैं। 2017 में एक ट्रेन दुर्घटना के दौरान अपने दोस्त को बचाने की कोशिश में उन्होंने अपना बायां हाथ कोहनी के नीचे से खो दिया। इस हादसे के चार महीने बाद, उन्होंने हरियाणा में हुए पैरा एथलेटिक सीनियर नेशनल 2018 में हिस्सा लिया।

अजीत सिंह की खेल उपलब्धियां

अजीत सिंह को भारतीय खेल प्राधिकरण की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (TOPS) में शामिल किया गया और उन्हें ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट का भी समर्थन मिला। वह फिलहाल ग्वालियर से शारीरिक शिक्षा और खेल में पीएचडी कर रहे हैं। 2019 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाला फेंक में हिस्सा लेना शुरू किया और बीजिंग में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने 2019 में दुबई में हुए विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई किया। 2021 में, उन्होंने फिर से विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में स्वर्ण पदक जीता।

अन्य भारतीय पैरा-एथलीटों का शानदार प्रदर्शन

दीप्ति जीवनजी का कांस्य पदक

तेलंगाना की दीप्ति जीवनजी ने 400 मीटर दौड़ में 55.82 सेकंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता।

पुरुषों की ऊंची कूद T63 में शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु का प्रदर्शन

मंगलवार को पुरुषों की ऊंची कूद T63 स्पर्धा में भारतीय पैरा-एथलीटों ने रजत और कांस्य पदक जीते। शरद कुमार ने 1.88 मीटर की ऊंचाई पार कर रजत पदक जीता और मरियप्पन थंगावेलु ने 1.85 मीटर की ऊंचाई के साथ कांस्य पदक जीता।

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भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि

मंगलवार को भारत ने जीते कुल पांच पदक

मंगलवार को भारतीय एथलीटों ने कुल पांच पदक जीते, जिसके साथ ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में टोक्यो पैरालंपिक खेलों में बनाए अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

 

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