कौन है ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी, जिन्होंने पाकिस्तान एयरफोर्स की कुछ ऐसे फोड़ी आंख और कर दिया ‘अंधा’

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन ने अपनी सूझबूझ और असाधारण स्किल से न सिर्फ दुश्मन को करारा जवाब दिया, बल्कि एक विश्व रिकॉर्ड भी बना दिया।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस दौरान भारत के रणबांकुरों ने मुल्ला मुनीर के पाले आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। नापाक फौज ने जब आंख दिखाई तो भारतीय सूरवीरों ने ऐस पलटवार किया, जिसकी निशानियां एक-एक कर अब भी बाहर आ रही हैं। इस छोटे से युद्ध को लेकर एक और जानकारी बाहर आई है। पाकिस्तानी वायुसेना के लिए ‘आसमान में आंखें’ माने जाने वाला AWACS  को  इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की टीम ने चंद मिनट के अंदर बर्बाद कर दिया। चीन के बने AWACS  का खात्मा  सुदर्शन चक्र यानि S-400 के जरिए किया गया, जो मिलिट्री इतिहास में दर्ज हो गया।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। पाक के अंदर घुसकर भारतीय सेनाओं ने आतंकियों और उनके आकाओं को मौत के घाट उतार दिया। जिससे बिलबिलाई पाक आर्मी ने भारत पर अटैक का प्रयास किया। भारतीय सेनाओं ने पहले से पुख्ता तैयारी की हुई थी। पाकिस्तान के एयरबेस समेत अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए इंडियन एयरफोर्स मैदान पर उतर चुकी थी। पहली चुनौती थी पाक एयरफोर्स को पंगू बनाने की। पाक के पास AWACS  था, जो उसने चीन से खरीदा हुआ था। ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की टीम ने रडार, सिग्नल के कार्डिनेशन से इंडियन एयरफोर्स ने एस-400 से मिसाइल लॉन्च किया और अपने लोकेशन से 314 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के आसमान में पाकिस्तान एयरफोर्स के AWACS  को मार गिराया।

ये जमीन से आसमान में अब तक का सबसे लंबी दूरी का कामयाब हिट था। इसकी जानकारी एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने खुद बैंगलुरु में दी थी। इस कामयाबी के लिए ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को सरकार ने वीर चक्र से सम्मानित किया। वीर चक्र युद्ध के समय दिया जाने वाला भारत का तीसरा सबसे बड़ा बहादुरी का अवॉर्ड है। भारतीय वायुसेना के इस कामयाब फायरपावर शो ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को तगड़ी चोट पहुंचाई और भारत पर मार करने की उसकी क्षमता ही खत्म हो गई। अनिमेष की टीम ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत वायु सेना ने पाकिस्तान के मुरिदकै और बहावलपुर में आतंकवादी समूहों के मुख्यालय और पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। टीम के ऑपरेशन में शामिल अधिकारी आतंकवाद विरोधी अभियान में अपनी बहादुरी और रणनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं। पाटनी के इस योगदान से पूरा राजस्थान प्रदेश गौरान्वित है।

अनिमेष ने कोटा के सेंट पॉल स्कूल से पढाई की। इसके बाद उनका एनडीए (नेशनल डिफेंस ऐकेडमी) खड़वासला पुणे में चयन हुआ। तीन साल की ट्रेनिंग लेने के बाद साल 2004 में पास आउट हुए। साल 2005 में असम के छबवा एयरफोर्स एयरबेस पर पहली पोस्टिंग हुई। अभी एयरफोर्स एयरबेस अदमपुर में ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात है। अनिमेष ने साल 2010 में जौधपुर एयरबेस पर तैनात रहने के दौरान उनका मिग 27 में जोधपुर के आसमान में ब्लास्ट हो गया था। वह फट गया था। आबादी क्षेत्र में नहीं गिराकर विमान को पाली जिले के जैतपुर गांव तक ले गए, वहां विमान गिरा। इससे आबादी को नुकसान होने से बचाया और स्वयं ने पैराशुट से कूद कर जान बचाई थी। अनिमेष पाटनी के पिता केके पाटनी पीडब्ल्यूडी विभाग में एक्जीक्यूटिव इन्जीनियर थे। मां अनिला पाटनी गृहणी रही। पाटनी का जन्म 25-1-1984 को कोटा में हुआ था। इसलिए उन्होंने शिक्षा कोटा से ही प्राप्त की। दो बहिने है। पिताजी का साल 2020 में स्वर्गवास हो गया। परिवार में तीन भाई बहिन है।

बता दें, AWACS  एक एडवांस हवाई निगरानी और कमांड सिस्टम है, जो किसी वायुसेना के लिए रडार-आधारित निगरानी और नियंत्रण का काम करता है। यह विशेष विमानों पर स्थापित होता है, जो लंबी दूरी तक हवाई, समुद्री और जमीनी गतिविधियों की निगरानी करता है। एयरबोर्न AWACS  का अर्थ है ये सारी तकनीक ऐसे सैन्य विमान में होती है जो आसमान में गतिमान है। एडब्ल्यूएसीएस में शक्तिशाली रडार, संचार उपकरण और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम होते हैं, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और अन्य खतरों का पता लगाते हैं। इसका महत्व इसकी वास्तविक समय की खुफिया जानकारी, कमांड और नियंत्रण क्षमता में है। यह वायुसेना को हवाई युद्ध, मिशन कार्डिनेशन और रणनीतिक फैसले लेने में मदद करता है। AWACS  हवाई क्षेत्र की 360-डिग्री निगरानी देता है, जिससे लड़ाकू विमानों को मार्गदर्शन, खतरे की चेतावनी और लक्ष्य निर्धारण में सहायता मिलती है।

इस तरह से जिस AWACS  को ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ने एस-400 की मदद से लॉक किया था वो भारतीय वायुसेना के जहाजों समेत अन्य मिलिट्री एसेट्स की निगरानी कर रहा था। ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 ‘ट्रायम्फ’ रेजिमेंट के कमांडर हैं। सामरिक लिहाज से ये एक अहम जिम्मेदारी थी। पाकिस्तानी वायुसेना के लिए आसमान में आंखें माने जाने वाला एक पाकिस्तानी SAAB ERI-2000 और AWACS  पाकिस्तान के डिंगा शहर के आसमान में उड़ान भर रहा था। डिंगा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरात जिले के खारियां तहसील में स्थित है। यह झेलम और चिनाब नदियों के बीच बसा है। ये प्वाइंट पाकिस्तानी हवाई सीमा में काफी अंदर है और भारत की वायु रक्षा चौकियों से लगभग 314 किलोमीटर दूर है। यह विमान पाकिस्तानी वायु सेना के लिए फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में काम कर रहा था।

ये AWACS  रियल टाइम में निगरानी और कमांड देता था। पाटनी की टीम ने एस-400 के एडवांस रडार का उपयोग करके इस लक्ष्य पर निशाना साधा। सूत्रों के अनुसार एस-400 से मिसाइल दागी गई थी। ये मिसाइल बेधड़क पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को भेदता हुआ उच्च गति से आगे बढ़ा और टारगेट को तबाह कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान ने अपना सबसे कीमतीएडब्ल्यूएसीएस युद्धक विमान खो दिया, जिसे हवाई युद्ध लड़ने की क्षमता की आंख और दिमाग माना जाता है। बता दें कि एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला हमला बताया और भारतीय वायुसेना की शानदार तकनीकी शक्ति और ग्रुप कमांडर पाटनी के नेतृत्व, निर्णय लेने की क्षमता, मैंनेजमेंट और सामरिक कुशलता की प्रशंसा की। रेजिमेंट के दो अन्य अफसरों विंग कमांडर मिलिंद लोंधे और विंग कमांडर केशव शर्मा को उनकी भूमिकाओं के लिए राष्ट्रपति ने तारीफ की है। इसके लिए राष्ट्रपति ने इन्हें ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ किया है। ’मेंशन-इन-डिस्पैच’ भारतीय सशस्त्र बलों को असाधारण वीरता या सराहनीय सेवा प्रदर्शित करने के लिए दिया जाने वाला सम्मान है।

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