संसद में तकरार, चाय पर प्यार: पीएम मोदी और प्रियंका की इस तस्वीर ने जीता देश का दिल!

संसद का शीतकालीन सत्र 2025 आज 'sine die' स्थगित हुआ। मनरेगा को बदलने वाले 'VB-G RAM G' बिल पर विवाद के बावजूद, सत्र के अंत में पीएम मोदी और प्रियंका गांधी सहित अन्य नेताओं ने 'चाय पर चर्चा' कर सौहार्द का संदेश दिया।

Parliament Tea over Discussion

Parliament Tea over Discussion: संसद के शीतकालीन सत्र 2025 का समापन आज 19 दिसंबर को एक बेहद सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ। सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘चाय पर चर्चा’ का आयोजन किया, जिसमें पक्ष और विपक्ष के नेता एक साथ बैठे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत ने सभी का ध्यान खींचा।

यह सत्र भारी हंगामे और ऐतिहासिक विधायी निर्णयों के लिए जाना जाएगा, विशेष रूप से मनरेगा की जगह लेने वाले ‘VB-G RAM G’ विधेयक की मंजूरी। 111 प्रतिशत उत्पादकता के साथ लोकसभा की कार्यवाही संपन्न हुई, जो तीखी बहसों के बावजूद भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता और संवाद की अटूट परंपरा को रेखांकित करती है।

हंगामे के बीच विधायी सफलता और ‘चाय पर चर्चा’ का सौहार्द

Parliament का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद संसद भवन में एक दुर्लभ और सुखद दृश्य देखने को मिला, जब राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को पीछे छोड़ते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष के दिग्गज नेता एक ही मेज पर चाय की चुस्कियां लेते नजर आए।

चाय की मेज पर दिखा लोकतंत्र का सम्मान

स्पीकर ओम बिरला द्वारा आयोजित ‘चाय पर चर्चा’ में पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री के साथ विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा, सुप्रिया सुले (NCP-SP) और धर्मेंद्र यादव (सपा) शामिल हुए। तस्वीरों में पीएम मोदी और प्रियंका गांधी को पास बैठकर बातचीत करते देखा गया। सत्र के दौरान रही कड़वाहट के बाद यह मुलाकात लोकतंत्र की उस गरिमा का प्रतीक बनी, जहाँ मतभेद तो हो सकते हैं, लेकिन संवाद कभी बंद नहीं होता।

विवादास्पद विधेयक और ऐतिहासिक फैसले

इस Parliament सत्र की सबसे बड़ी चर्चा VB-G RAM G (Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission – Gramin) विधेयक रहा। इस कानून ने 20 साल पुराने मनरेगा (MGNREGA) की जगह ली है। सरकार ने इसे ग्रामीण विकास के लिए क्रांतिकारी बताया, वहीं विपक्ष ने इसे ‘गरीब विरोधी’ करार देते हुए संसद परिसर में रातभर धरना भी दिया।

सत्र के अन्य प्रमुख मुद्दे:

कार्यक्षमता में नया रिकॉर्ड

Parliament हंगामे और वॉकआउट के बावजूद, लोकसभा की उत्पादकता 111% और राज्यसभा की 121% रही। स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सदस्यों ने देर रात तक बैठकर महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में सहयोग दिया। सत्र के समापन पर यह चाय वाली मुलाकात इस संदेश के साथ खत्म हुई कि संसद केवल विरोध का अखाड़ा नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए मिलकर काम करने वाला मंच भी है।

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