PM Modi Welcome Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को हंगामे और हाई-वोल्टेज बयानबाजी के साथ शुरू हुआ। जहां एक ओर लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों ने तख्तियां लेकर वेल में आकर जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे स्पीकर ओम बिरला को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर ने इस आचरण पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे दुनिया में गलत संदेश जा रहा है। दूसरी ओर, राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया और उनके “सामान्य परिवार” से आने तथा संघर्ष भरे जीवन की सराहना की।
पीएम मोदी ने सत्र से पहले विपक्ष को तीखी नसीहत देते हुए कहा कि “ड्रामा” करने के लिए बाहर बहुत जगह है, लेकिन सदन में डिलीवरी और नीति पर बल देना चाहिए। उन्होंने विपक्ष को हार की निराशा से बाहर निकलकर जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
राज्यसभा में पीएम मोदी ने किया सभापति का स्वागत
PM Modi ने राज्यसभा के नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का सदन में गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि यह सदन के सभी सदस्यों के लिए गर्व का विषय है कि एक “सामान्य परिवार” से आए व्यक्ति, जिनका जीवन समाज को समर्पित रहा है, आज उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहाँ विराजमान हैं।
पीएम मोदी ने सभापति के व्यक्तित्व की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ तक पहुंचना असाधारण है और प्रोटोकॉल उन्हें प्रभावित नहीं करता। उन्होंने बताया कि सीपी राधाकृष्णन ने खुद अपनी पहचान बनाई है और काशी में पूजा-पाठ के बाद मांसाहार छोड़ने का संकल्प लिया था। प्रधानमंत्री ने सभापति के छात्र जीवन से रहे नेतृत्व गुणों और आपातकाल (Emergency) के दौरान संघर्ष तथा जनजागृति के कार्यक्रमों की लड़ाई को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों की ओर से सभापति को बधाई दी और उनकी गरिमा और मर्यादा बनाए रखने का आश्वासन दिया।
लोकसभा में जोरदार हंगामा, कार्यवाही स्थगित
शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य तख्तियां लेकर सीधे वेल में आ गए, जिससे सदन का कामकाज बाधित हुआ।
स्पीकर ओम बिरला ने हंगामे पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह सदन को बाधित करना और तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है, क्योंकि पूरी दुनिया में यह संदेश जाना चाहिए कि भारत की संसद सक्रिय रूप से चलती है और सभी सांसद अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। हालांकि, स्पीकर की अपील का कोई असर नहीं हुआ और स्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष को पीएम मोदी की नसीहत: ‘ड्रामा नहीं डिलीवरी चाहिए’
सत्र शुरू होने से पहले PM Modi ने मीडिया को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और उन्हें सलाह भी दी।
PM Modi ने कहा कि वह विपक्ष को टिप्स देने के लिए तैयार हैं कि उन्हें कैसे परफॉर्म करना चाहिए और अपनी रणनीति बदलनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष से संसद को चलने देने की अपील की, ताकि पहली बार आए नई पीढ़ी के सांसदों को सदन का लाभ मिल सके।
नारे नहीं नीति: प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा, “ड्रामा करने के लिए बहुत जगह है लेकिन यहां पर ड्रामा नहीं डिलीवरी चाहिए। यहां नारे नहीं नीति पर बल देना है।”
हार की निराशा: उन्होंने विपक्ष पर पराजय की निराशा से बाहर न निकल पाने का आरोप लगाया और कहा कि कुछ दल हार को पचा नहीं पाते हैं और सारा गुस्सा सदन में निकालते हैं। उन्होंने अपील की कि शीतकालीन सत्र को पराजय की बौखलाहट का मैदान नहीं बनने देना चाहिए, न ही यह विजय के अहंकार में परिवर्तित हो।
लोकतंत्र की मजबूती: पीएम ने कहा कि भारत ने सिद्ध कर दिया है कि “डेमोक्रेसी कैन डिलीवर” और देश की आर्थिक स्थिति नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रही है। उनका विश्वास है कि यह सत्र राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाने के प्रयासों में ऊर्जा भरेगा।






