नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव करा लिए गए. चुनावों के नतीजे आने के बाद यहां पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ समर्थित निर्दलीय विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद यहां पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) शहबाज शरीफ की पार्टी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के गठबंधन की सरकार बनने वाली है.
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पीएमएल-एन और पीपीपी के पक्ष में इतने विधायक
बता दें कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के समर्थन वाले निर्दलीय विधायकों के जीत की संख्या पड़ोसी मुल्क में सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद यहां पर पीएमएल-एन और पीपीपी के गठबंधन की सरकार बनने के कयास लगाए जा रहे हैं. इमरान खान समर्थित निर्दलीय विधायकों की संख्या यहां पर 101 है, जबकि तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीटें मिली है. इसके अलावा मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीटों पर जीत मिली है.
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धोखाधड़ी के कारण नतीजों में हुई देरी
गौरतलब है कि पड़ोसी मुल्क में 266 में से 265 सीटों पर मतदान की प्रकिया पूरी कराई गई. इसमें से पड़ोसी मुल्क के निर्वाचन आयोग यानी ईसीपी ने 264 सीटों पर नतीजों की घोषणा कर दी. चुनाव घोषणा में देरी के कारण पूरे देश में कई दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. दरअसल कई जगहों पर ईसीपी ने धोखाधड़ी के कारण नतीजों की घोषणा करने में देरी की. इसके अलावा एक सीट पर उम्मीदवार के मृत्यु के कारण चुनाव को स्थगित करना पड़ा.