Priyanka Gandhi : ‘एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे सारे संसाधन…’, सदन में विपक्ष के खिलाफ जमकर बरसी प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा, "यह सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं है। इस संविधान के निर्माण में कई नेताओं ने वर्षों तक मेहनत की। इस संविधान ने हर नागरिक को यह अधिकार दिया है कि वह सरकार बना सकता है और उसे बदल भी सकता है।"

Priyanka Gandhi

Priyanka Gandhi : लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा, “हमारे देश की एक प्राचीन धार्मिक परंपरा रही है, जो संवाद और चर्चा पर आधारित रही है। यह परंपरा वेदों, उपनिषदों और दर्शन ग्रंथों में देखने को मिलती है। इसके साथ ही इस्लाम, जैन और सिख धर्मों में भी बहस और चर्चा की संस्कृति रही है। इसी परंपरा से हमारे स्वतंत्रता संग्राम का जन्म हुआ। यह एक अद्वितीय लड़ाई थी, जो सत्य और अहिंसा पर आधारित थी।

हमारी आजादी की लड़ाई लोकतांत्रिक थी, जिसमें हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों ने हिस्सा लिया और स्वतंत्रता प्राप्त की। उसी स्वतंत्रता संग्राम से एक आवाज उठी, और वही आवाज हमारे देश का संविधान है।” इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने कहा, “यह केवल एक दस्तावेज़ नहीं है। इस संविधान के निर्माण में कई नेताओं ने वर्षों तक कठिन परिश्रम किया।

‘संविधान एक सुरक्षा कवच’ – प्रियंका 

लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “हमारा संविधान नागरिकों की सुरक्षा का सबसे बड़ा अभिलेख है। यह संविधान न केवल न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा का मजबूत कवच भी है। यह बहुत दुख की बात है कि पिछले दस वर्षों में सत्ता पक्ष ने इस कवच को तोड़ने की पूरी कोशिश की है। संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का जो वादा किया गया था, वही हमारी सुरक्षा का आधार है, और अब इसे कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के नाम पर यह सरकार आरक्षण को कमजोर कर रही है।”

‘यह देश जागेगा, संघर्ष करेगा, और न्याय की मांग करेगा…’

प्रियंका गांधी ने कहा, “यह देश भय से नहीं, बल्कि साहस और संघर्ष से बना है। इसे बनाने वाले किसान, जवान, मजदूर और गरीब जनता हैं, और संविधान इन्हें शक्ति और साहस प्रदान करता है। देश के लाखों लोग जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें संविधान ने संजीवनी दी है।”

उन्होंने वायनाड की आपदा का उदाहरण देते हुए बताया कि 17 साल के एक लड़के ने अपनी मां को बाढ़ से बचाने की कोशिश की, जो साहस उस लड़के ने दिखाया, वही साहस उन महिलाओं का भी है, जो परेशानियों के बावजूद संघर्ष कर रही हैं। यही साहस उन बच्चों का भी है, जो अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं। यह संविधान ही है, जो उन्हें ताकत देता है।

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प्रियंका ने यह भी कहा, “भय की भी एक सीमा होती है। जब किसी को इतना दबाया जाता है कि वह सोचता है कि अब खोने को कुछ नहीं, तो उस व्यक्ति में ऐसी ताकत आती है जिसे कोई भी कायर नहीं जीत सकता। इस देश में न्याय की मांग उठेगी, यह देश जागेगा और लड़ाई लड़ेगा… सत्य की विजय होगी।”

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