Rahul Gandhi : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने Texas, USA में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के कौशल विकास और शिक्षा प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कहा, कई लोग कहते हैं कि भारत को कौशल की समस्या है. लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता. मुझे नहीं लगता कि भारत में कौशल की कोई कमी है. समस्या यह है कि भारत में कौशल रखने वाले लोगों का सम्मान नहीं किया जाता. Rahul Gandhi के इस बयान ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं की ओर इशारा किया.
भारत करेगा चीन का मुकाबला;Rahul Gandhi
समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत चीन का मुकाबला कर सकता है, बशर्ते कि वह उत्पादन के क्षेत्र में खुद को मजबूत करे और कौशल को महत्व दे. तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले ही यह काम कर दिखाया है, और पुणे और महाराष्ट्र ने भी ऐसा किया है.
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें पूरी विश्वास है कि भारत चीन का मुकाबला कर सकता है, बशर्ते वह उत्पादन के लिए खुद को तैयार करे और कौशल का सम्मान करना शुरू कर दे। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले ही यह सिद्ध कर दिया है। ऐसा नहीं है कि भारतीय राज्यों ने ऐसा नहीं किया है – पुणे और महाराष्ट्र ने भी इसे साबित किया है। समस्या केवल यह है कि यह उस आवश्यक पैमाने और समन्वय के साथ नहीं हो रहा है, जिसकी जरूरत है।
शिक्षा और व्यवसाय के बीच गहरा अंतर
Rahul Gandhi ने भारत के शिक्षा और व्यवसाय प्रणाली के बीच की खाई पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, हमारी शिक्षा प्रणाली का व्यवसाय प्रणाली से कोई संबंध नहीं है. आप देखते हैं कि व्यवसाय प्रणाली स्वतंत्र रूप से चलती है, और दूसरी ओर, शिक्षा प्रणाली एक प्रकार के ‘हाथी दांत के टॉवर’ में मौजूद है. उनका मानना है कि भारत की शिक्षा प्रणाली और कौशल ढांचे के बीच कोई गहरा संबंध नहीं है. यह खाई भारत के विकास में एक बड़ी बाधा है, जिसे दूर करना आवश्यक है.
व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए समाधान का प्रस्ताव
Rahul Gandhi ने इस खाई को पाटने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण (वोकेशनल ट्रेनिंग) को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि शिक्षा और कौशल को जोड़ने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना आवश्यक है. यह एक ऐसा तरीका हो सकता है जिससे शिक्षा और व्यवसाय प्रणाली को एक साथ जोड़ा जा सके. Rahul ने कहा, अगर हम इन दोनों प्रणालियों को जोड़ते हैं, तो यह भारत के विकास में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
शिक्षा प्रणाली पर वैचारिक कब्जा:Rahul Gandhi
Rahul Gandhi ने भारतीय शिक्षा प्रणाली पर वैचारिक कब्जे का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षा प्रणाली में विचारधारा को जबरदस्ती थोपने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इस समय शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी समस्या इसका वैचारिक कब्जा है, जहां विचारधारा को इसके माध्यम से फैलाया जा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को विचारधारा से मुक्त करके कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
Rahul Gandhi का यह बयान भारत के कौशल विकास, शिक्षा प्रणाली और व्यवसाय प्रणाली के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करता है. उन्होंने कौशल के सम्मान और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा और व्यवसाय को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया. उनका मानना है कि अगर इन क्षेत्रों में सुधार किया जाए, तो भारत के विकास में बड़ा योगदान हो सकता है.
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