Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शिष्या से रेप के 12 साल पुराने मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री Rape Case on Chinmayanand स्वामी चिन्मयानंद को एमपीएमएलए कोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए गुरुवार को यानि 1 फरवरी को बाइज्जत बरी कर दिया है. स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने दुष्कर्म करने के आरोप मे मामला दर्ज कराया था. सुनवाई के दौरान स्वामी चिन्मयानंद पर लगे सारे आरोप झुठे साबित हुए और उनको एमपीएमएलए से बरी कर दिया गया है.
शिष्या ने लगाए थे आरोप
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद पर साल 2011 में शाहजहांपुर चौक कोतवाली में उनके खिलाफ उनकी एक शिष्या ने दुष्कर्म करने के Rape Case on Chinmayanand आरोप मे मुकदमा दर्ज कराया था. उन पर यह आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने अपने कर्मचारियों की मदद से आश्रम में उसे बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया था. राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद साल 2018 में मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन इसकी जानकारी होने पर पीड़िता ने एतराज जताया और पीड़िता के आपत्ति जताने पर अदालत ने केस वापस लेन के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था.
जिसके बाद उनका केस एमपीएमएलए कोर्ट में भेज दिया गया था. आरोप पक्ष कि तरफ से कुल छह गवाह पेश किए गए थे और बचाव पक्ष की ओर से स्वामी चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खां और वकील मनेंद्र सिंह ने अपने तर्क किए और बहस की जिसके बाद चिन्मयानंद पर लगाए गए सारे आरोप गलत पाए गए.
इस मुकदमे में पक्ष और विपक्ष के वकीलों की दलीलें व बहस सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुनाया और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एमपीएमएलए कोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है.