भोपाल। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद शहर के अन्य मंदिरों में भी भक्तों की संख्या बढ़ गई है। इससे न केवल मंदिरों को करोड़ों की आय हो रही है बल्कि यहां के खजाने भी नकदी और जेवरों से लबालब हो गए हैं। श्री महाकाल लोक के करीब एक साल में बदलाव की ऐसी बयार बही कि शहर के मंदिरों में दर्शनार्थी चार गुना हो गए। मंदिरों के खजाने में भी दोगुना बढ़ोतरी हो गई।
पीएम मोदी ने किया महाकाल लोक का लोकार्पण
11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया। इसके बाद से शहर में बदलाव की बयार बह निकली है। इसी बदलाव की पहली कढ़ी में मंदिरों में श्रद्धालुओं, आगंतुकों की संख्या में चार गुना इजाफा हो गया। जाहिर है, यहां आए भक्तों ने दिल खोलकर दान भी किया। एक साल में जहां महाकाल मंदिर की आय करोड़ों में जा पहुंची, वहीं शहर के बाकी बड़े मंदिरों की बात करें, तो वहां भी आय लगभग दोगुनी हो गई है। श्रद्धालुओं की संख्या में चार गुना वृद्धि होने के साथ ही आय में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है।
एक साल में तीन गुना से अधिक हुई आय की राशि
बाबा महाकाल के दरबार का खजाना तो करोड़ों की आय से लबालब हो गया है। महाकाल मंदिर में एक साल में तीन गुना से अधिक आय हुई है। सावन-भादौ व अधिकमास में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 2 करोड़ पार कर गया। मंदिर समिति को करीब 29.77 करोड़ की रिकॉर्ड आय बीते महीनों में हो चुकी है। इसमें शीघ्र दर्शन, भस्म आरती अनुमति समेत दान पेटी से मिला दान शामिल है। आय बढ़ी तो खर्च भी बढ़कर दोगुना हो गया। महाकाल लोक से पहले ढाई करोड़ रुपए प्रतिमाह का खर्च होता था, जो बढ़कर 5 करोड़ से अधिक हो गया है।
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दान पेटियों में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड दान
पीएम मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद से दुनियाभर से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या महाकाल मंदिर में पहुंच रही हैं। महाकाल मंदिर में लगी दान पेटियों में तो श्रद्धालु दान कर रहे हैं। मंदिर समिति की ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाकर एडवांस बुकिंग कर मंदिर समिति को दान करने में पीछे नहीं हट रहे। दान के प्रकल्प से अन्नक्षेत्र और 11 करोड़ से अधिक का आरओ वॉटर फिल्टर प्लांट भी लगाया गया है।