नई दिल्ली: इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन बताए जाने वाले और आतंकी संगठन हमास के चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) के मारे जाने की ख़बर सामने आई है। ईरान की राजधानी तेहरान में हुए एक हमले में हानिया मारा गया है। आगे इस बारे में आपको और कुछ बताएं, इससे पहले जान लेते हैं आखिर इजराइल का ये सबसे बड़ा दुश्मन था कौन? और क्या था इसका इतिहास।
साल 2018 में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) को आतंकवादी करार दिया था। साल 2006 में फिलिस्तीन में होने वाले आम चुनावों में इस्माइल हानिया को जीत मिली थी। इस जीत के बाद से ही हानिया का दबदबा बढ़ने लगा था। बढ़ती ताकत और जनता के समर्थन के बाद इस्माइल हानिया हमास की राजनीति का प्रमुख बन चुका था।
29 जनवरी साल 1962 में गाजा पट्टी के एक रिफ्यूजी कैंप में इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) का जन्म हुआ था। हानिय ने अपनी शुरुआती शिक्षा गाजा अल-अजहर संस्थान से ली थी। इसके बाद गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में हानिया ने ग्रेजुएशन की थी। साल 1983 में ही विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान इस्माइल हानिया इस्लामिक स्टूडेंट ब्लॉक में शामिल हो गया था।
साल 1987 में जब इजराइली कब्जे के खिलाफ पहला फिलिस्तीनी जन- विद्रोह शुरु हुआ था। उसी दौरान इस्माइल हानिया इस संगठन में शामिल हो गया था। हमास की स्थापना भी साल 1987 में ही हुई थी।
साल 2023 में 7 अक्टूबर के दिन इजराइल पर हुए हमले में इस्माइल हानिया का पूरा हाथ था। इस हमले के बाद से ही हानिया इजराइली सुरक्षा बलों के निशाने पर था। हानिया से जुड़ी कई रिपोर्ट में बताया गया है कि वह कतर में रह रहा था और वहां ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा था।
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इस्माइल हानिया का एक बड़ा परिवार है, जिसमें उनके 13 बच्चे हैं। कुछ दिनों पहले ही इजराइल के हुए हमले में उनके तीन बेटों समेत परिवार के और भी कई सदस्य मारे गए थे। आपको बता दें, इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी हमेशा से ही विवाद का कारण रहा है। हानिया के मन में बचपन से ही फिलिस्तीन को एक अलग देश बनाने की इच्छा थी।