नई दिल्ली: केन्या (Kenya) के न्येरी काउंटी में स्थित हिलसाइड एंडाराशा प्राइमरी स्कूल के हॉस्टल में लगी आग से 17 छात्रों की मौत हो गई है और 13 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई छात्र गंभीर रूप से झुलसे हुए हैं। पुलिस और राहत-बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस प्रवक्ता रेसिला ओन्यांगो के अनुसार, आग के कारणों की जांच जारी है। हॉस्टल में 14 साल तक के बच्चे रहते थे और इसमें 150 से ज्यादा छात्र थे। लकड़ी से बनी स्कूल की इमारत के कारण आग तेजी से फैल गई। केन्या (Kenya) के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस घटना को भयावह बताया और मामले की गहन जांच के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उपराष्ट्रपति रिगाथी गचागुआ ने स्कूल प्रशासन (Kenya) से आवासीय विद्यालयों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि घटना की विस्तृत जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा दी जाएगी।
केन्या (Kenya) में हॉस्टल में आग लगने की घटनाएं आम हैं। शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये आगें अक्सर मादक द्रव्यों के सेवन और हॉस्टल में अधिक भीड़भाड़ के कारण होती हैं। कई माता-पिता मानते हैं कि हॉस्टल में रहने से उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिलता है।
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कुछ सालों से केन्या (Kenya) के स्कूलों में आग की घटनाओं तेजी से बढ़ी हैं, जो छात्रों और शिक्षकों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। साल 2017 में नैरोबी के एक स्कूल में आग लगने से 10 छात्रों की मौत हो गई थी। केन्या में अब तक की सबसे घातक स्कूल आग साल 2001 में माचकोस काउंटी में लगी थी, जिसमें 67 छात्रों की जान गई थी।