लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था। जिसमें उन्होंने आलाधिकारियों से दो टूक शब्दों में कहा था कि यूपी की सड़कों पर सवारी ढो रहे ट्रैक्टर ट्रॉली और बेलगाम ऑटो चालकों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, पर इसका जमीन पर असर नहीं दिख रहा। फतेहपुर के जहानाबाद कस्बे के बाद एकबार फिर ऑटो सवारियों के लिए काल बन गया। हरदोई में ऑटो और डीसीएम आपस में टकरा गए। जिससे ऑटो में सवार 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
हरदोई में आपस में टकराए ऑटो- डीसीएम
हरदोई जनपद के बिलग्राम थाना क्षेत्र के रोशनपुर गांव के पा हाईवे में एक ऑटो और डीसीएम के बीच जोरदार टक्कर हो गई, जिसमें छह महिलाओं, तीन बच्चे समेत 11 लोगों की मौत हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने चार घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हरदोई के एसपी नीरज जादौन ने बताया कि यह हादसा एक बाइक सवार को बचाने की वजह से हुआ। एसपी ने बताया, तेज रफ्तार डीसीएम और ऑटो के बीच जोरदार टक्कर हो गई। जिसके कारण 11 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने डीसीएम और ऑटो को कब्जे में लेने के साथ हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं।
ऑटो में 15 लोग सवार थे
बिल्हौर कटरा राज्य राजमार्ग पर बुधवार को जो ऑटो हादसे का शिकार हुआ, उसकी क्षमता सिर्फ चार सवारी बैठाने की है। बावजूद इसके इस सीएनजी ऑटो में 14 लोग सवार थे। 14 सवारियां लेकर ऑटो राज्य राजमार्ग पर फर्राटा भर रहा था और यातायात माह के बावजूद भी किसी जिम्मेदार की निगाह इस पर नहीं पड़ी। खास बात यह है कि जहां से ऑटो सवारी भरते हैं, वह जगह थाने से बमुश्किल 500 मीटर दूर है और जहां जाते हैं वहां से भी कोतवाली 300 मीटर दूर है। बताया जा रहा है कि चालक समेत ऑटो में 15 लोग सवार थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि ऑटो-ई रिक्शा चालक मानक से ज्यादा सवांरयां ढो रहे हैं, जिसके कारण हरदोई में 11 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी।
वाहन किसकी शह पर भर रहे फर्राटा
बता दें, जिले के एसपी नीरज जादौन की सख्त नसीहत के बाद भी माधौगंज थाना क्षेत्र और बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में क्षमता से अधिक सवारी लेकर वाहन किसकी शह पर फर्राटा भर रहे हैं। सीएनजी ऑटो का एक बार ज्यादा सवारी ढोने में चालान भी हो चुका है, लेकिन फिर भी ओवरलोडिंग का सिलसिला रुका नहीं। माधौगंज थाने से बमुश्किल 500 मीटर दूर चौराहे से सवारियां ढोने का काम सीएनजी ऑटो करते हैं तो बिलग्राम में कोतवाली से लगभग 300 मीटर दूर यह सीएनजी वाहन सवारी उतारने और बैठाने का काम करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये खेल स्थानीय पुलिस की मदद से बदस्तूर जारी है। सरकार-प्रशासन को बेलगाम ऑटो चालकों पर एक्शन लेना चाहिए।
सीएम योगी ने जताया दुख
वहीं, उत्तर प्रदेश के सीएमयोगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘जनपद हरदोई में एक सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है’। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों को राहत कार्यों को तेजी से संचालित करने और घायलों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। भगवान राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। साथ ही हादसा कैसे हुआ और ऑटो में 15 सवांरियां क्यों बैठी, इसकी जांच के आदेश भी सीएम योगी ने आलाधिकारियों को दिए हैं।
जहानाबाद में हुआ था ऐसा ही हादसा
पिछले वर्ष फतेहपुर जिले के जहानाबाद के चिल्ला मोड़ के भीषण सड़क हादसा हुआ था। चौडगरा-घाटमपुर मुगलमार्ग हाईवे पर चिल्ली मोड़ पर दूध टैंकर और ऑटो की सीधी भिड़ंत हो गई थी। हादसे में ऑटो के परखच्चे उड़ गए। दंपती और उनके दो बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे की खबर पर मुख्यमंत्री ने भी ट्विट कर शोक संवेदना जताई थी। तब भी ऑटो में 15 लोग सवार थे। जिसमें 5 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेलगाम ऑटो चालकों पर कार्रवाई के आदेश दिए, पर जमीन पर इसका असर नहीं हुआ। शहर-शहर, गांव-गांव ऑटो, ई रिक्शा मानक से ज्यादा सवारियों को ढो रहे हैं, जिसके कारण बेगुनाह लोग काल के गाल में समा रहे हैं।
सरकार ने तय किए थे मानक
यूपी सरकार ने ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवारियां ढोने पर रोक लगाई थी। साथ ही ऑटो, ई रिक्शा को लेकर मानक तय किए थे। मानक से ज्यादा सवांरियां बैठाने वालों पर सरकार ने अधिकारियों को कार्रवाई के आदेश दिए। पर अब भी ट्रैक्टर ट्राली सवारी का साधन बनी हुई है तो ऑटो चालक भी ठूंठ-ठूंस कर सवांरियों को भरते। फरवरी में उत्तर प्रदेश के कासगंज में ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार 23 लोगों की जान चली गई। इससे पहले अक्टूबर 2023 में हाथरस में ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार 6 लोगों की मौत हो गई थी और अप्रैल में शाहजहांपुर में ट्रॉलियों से जुड़ी एक अलग सड़क दुर्घटना में 14 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। अक्टूबर 2022 में आगरा में इसी तरह की दुर्घटना में 26 लोग मारे गए थे। कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली पलटने से 14 लोगों की मौत हो गई थी।