कानपुर ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अब 13 के बजाए 20 नवंबर को मतदाता वोटिंग करेंगे। जिस पर राजनीति भी शुरू हो गई है तो वहीं उम्मीदवार भी जीत-हार के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। कानपुर की सीसमऊ सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। मैंने भगवान शिव के दर पर माथा टेका। इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। अगर मौका मिला तो वह फिर से भगवान शंकर के पर जाएंगी और सबके कल्याण के लिए आर्शीवाद मांगेंगी।
जानें पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के बारे में
इरफान सोलंकी राजस्थान का जन्म 5 जून 1979 को अजमेर में हुआ था। इरफान सोलंकी के पिता का नाम हाजी मुश्ताक सोलंकी है। राजनीति इरफान को विरासत में मिली है। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे हैं। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए इरफान सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्यनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद साल 2012, 2017 और 2022 के चुनाव में वह सीसामऊ से विधायक चुने गए।
नसीम सोलंकी से हुई थी इरफान की शादी
इरफान सोलंकी की वर्ष 2003 में नसीम सोलंकी के साथ शादी हुई थी। इससे उन्हें एक बेटा और दो बेटियां हैं। इरफान सोलंकी को दिसंबर 2022 में एक महिला प्रॉपर्टी विवाद में आगजनी के मामले में जेल भेजा गया था। कोर्ट ने इरफान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी विधायिकी चली गई। इरफान सोलंकी दिसंबर 2022 से जेल में बंद है। दिसंबर 2022 में ही उन्हें कानपुर जिला जेल से महाराजपुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। सजा होने के कारण सीसामऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है। सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम को कैंडीडेट बनाया है।
नसीम सोलंकी के पूजा करने पर खड़ा हो गया विवाद
सीसामऊ सीट से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी के वनखंडेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद विवाद खड़ा हो गया। मौलाना ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया, तो पुजारी ने मंदिर का शुद्धिकरण कराया। इनसब के बीच सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं हर समाज की इज्जत करती हूं। अगर दोबारा बुलाएंगे, तो मैं वहां जरूर जाऊंगी। ससुर और पति की तरह क्षेत्र के मंदिरों का जीर्णोद्धार भी कराऊंगी। नसीम ने बताया कि उनके ससुर ने मंदिर की नींव रखवाई थी। जबकि पति ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। ये चुनाव का मुद्दा नहीं होना चाहिए। मैं गुरूद्धारे भी गई। इस पर किसी ने सवाल नहीं खड़े किए।
कुछ इस तरह से बोलीं नसीम सोलंकी
सीसामऊ से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बताया कि मैं चुनाव प्रचार के लिए निकली थी। तभी कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंदिर में दीया जलाकर सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दे दीजिए। हम चले गए थे। बाकी ऐसी कोई बात नहीं है। फतवे को लेकर नसीम सोलंकी ने कहा कि फतवा जारी करना सही तो नहीं है। मुझसे मंदिर में जल चढ़ाने से लेकर जो करने को कहा गया, वो मैंने कर दिया। भले ही मेरी आस्था न हो, लेकिन मेरे साथ जो चल रहे हैं, उनकी तो आस्था है। इसलिए मैंने ऐसा किया। बाकी किसी को ठेस पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था।
सीसामऊ हमारा परिवार
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने कहा कि सीसामऊ एक पूरा परिवार है। जनता सब जानती है। एक धर्म के वोट से नहीं जीत सकते। जब सभी धर्मों का वोट मिलता है, तभी जीतते हैं। ऐसा तो एक पर्सेंट भी नहीं है। ऐसा मेरे जेहन में भी नहीं था। नसीम ने आगे कहा कि अगर मंदिरों के जीर्णोद्धार की बात आएगी तो हम बिल्कुल कराएंगे। मेरे ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी और पति इरफान सोलंकी ने भी ये काम किए थे। उनके ही पदचिह्नों पर चल कर हम ऐसी राजनीति कर रहे हैं। हम चर्च भी गए हैं। वहां भी इरफान ने खूब कार्य कराए हैं।
अखिलेश यादव ने नसीम पर लगाया दांव
इरफान सोलंकी के जेल में होने की वजह से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है। इसके बाद से नसीम लगातार चुनावी मैदान में एक्टिप हैं। दिवाली पर नसीम सोलंकी केपी रोड स्थित वनखंडेश्वर मंदिर पहुंची थीं। यह सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में ही आता है। जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें वह दीये जलाती हुई दिख रही हैं। शिवलिंग पर जल भी चढ़ा रही हैं। इस मंदिर का रेनोवेशन उनके पति इरफान सोलंकी ने ही करवाया था। विधायक निधि से करीब 50 लाख रुपए खर्च किए थे। यही मंदिर 2022 विधानसभा चुनाव में इरफान की जीत का आधार भी बना था।
2022 में इरफान सोलंकी चुने गए थे विधायक
2022 के चुनाव में सपा से इरफान सोलंकी और बीजेपी से सलिल विश्नोई चुनावी मैदान में थे। वोटिंग के बाद पहले राउंड की मतगणना शुरू हुई, तो सपा को मंदिर क्षेत्र से 5467 मिले। जबकि बीजेपी को 2462 वोट मिले थे। यहां से ही सपा को करीब 3 हजार की बढ़त मिल गई। यह बढ़ती ही चली गई। 10वें राउंड में सपा-बीजेपी के बीच वोटों का अंतर 32,082 पहुंच गया था। आखिर में इरफान ने सलिल विश्नोई को 12,266 से हराकर तीसरी बार सीसामऊ सीट जीत ली थी। सलिल विश्नोई बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। इरफान सोलंकी उन्हें प्यार से चाचा कहकर पुकारते हैं।