UP News : उत्तर प्रदेश एक काफी अच्छी खबर सामने आई है जिसके बाद लड़की के बुलंद हौंसले और कामयाबी की अब हर तरफ चर्चाएं हो रही हैं।
दरअसल हुआ ये कि गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान यमुना में नहाने उतरे फिरोजाबाद के चार युवक डूबने लगे। जब लोग “बचाओ… बचाओ…” चिल्लाते युवकों को देख रहे थे, तो यमुना का विकराल रूप देखकर सब ठिठक गए। इसी समय घाट पर पूजा सामग्री बेच रही 18 वर्षीय मोहिनी युवकों के लिए देवी बन गई और उफनती नदी में छलांग लगा दी।
मोहिनी की हिम्मत ने दूसरों को भी प्रेरित किया, और उन्होंने नदी में रस्सी फेंकी। मोहिनी ने एक-एक कर रस्सी के सहारे चारों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। किनारे पर खड़े लोगों ने यह दृश्य देखा और मोहिनी के साहस की जमकर प्रशंसा की। हालांकि, जान बचने के बाद चारों युवक अपने घर लौट गए।
मोहिनी को दिया गया ईनाम
बटेश्वर के ब्रह्मलालजी मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक अजय भदौरिया ने मोहिनी की साहसिकता की सराहना करते हुए उसे पुरस्कृत किया। 18 वर्षीय मोहिनी, जो अपने पिता मोहन गोस्वामी के निधन के बाद अपनी मां अनीता के साथ ननिहाल में रहती है, जीविकोपार्जन के लिए हर सोमवार घाट पर पूजा सामग्री की फड़ लगाती है। मंगलवार की शाम करीब चार बजे, मोहिनी श्रद्धालुओं को पूजा सामग्री वितरित कर रही थी।
यह भी पढ़ें : ‘योगी की हर रैली से BJP के घटेंगे 1000 वोट’, मिल्कीपुर…
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लोग सिर्फ तमाशा देख रहे थे। तभी मोहिनी(UP News) अपनी फड़ छोड़कर तेजी से आई। उस समय डूब रहे युवकों के सिर ही नजर आ रहे थे। एक पल भी बर्बाद किए बिना, मोहिनी ने नदी में कूदकर उन युवकों को एक-एक करके रस्सी के सहारे सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया। चारों की जान बचाने के बाद, वह वापस अपनी फड़ पर बैठ गई। इस घटना की खबर मिलते ही लोग उसके पास आए और उसकी प्रशंसा करते हुए बधाई दी।
जान बचने के बाद 19 वर्षीय आकाश और उसके साथी हिमालय ने बताया कि वे प्रतिमा विसर्जन के लिए आए थे और उनके परिवार के सदस्य भी साथ थे। प्रतिमा विसर्जन के समय वे नदी में नहाने लगे, और इसी बीच यह घटना घटित हो गई।
मोहिनी को है तैराकी का शौक
मूल रूप से मथुरा के रहने वाले मोहन गोस्वामी की 10 साल पहले मृत्यु हो गई थी। आठ साल की उम्र में मोहिनी अपनी मां के साथ ननिहाल आ गई और तब से यमुना(UP News) किनारे पूजन सामग्री बेचने लगी। राजकीय कन्या स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा मोहिनी बताती है कि उसे तैराकी का बहुत शौक है। उसने यमुना में ही तैरना सीखा है और जब भी समय मिलता है, वह खूब तैरती है। सोमवार को स्कूल से लौटने के बाद वह यमुना के घाट पर आकर पूजन सामग्री बेचती है। मूर्ति विसर्जन के लिए श्रद्धालु बटेश्वर में आ रहे थे, और उसने मंगलवार को भी अपनी दुकान सजाई थी।