Uttar Pradesh: बलिया के भरौली बॉर्डर पर अवैध वसूली के मामले में फरार थानेदार पन्नेलाल कन्नौजिया को रविवार को पुलिस ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पहले उनकी पत्नी को हिरासत में लिया था। जब पन्नेलाल को इस बात की सूचना मिली, तो वे खुद ही पुलिस के सामने आ गए। इसके बाद बलिया पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।
जानिए क्या था पूरा मामला?
भरौली बॉर्डर पर छापेमारी कर अवैध वसूली का खुलासा करने वाले वाराणसी जोन (Uttar Pradesh) के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए बलिया के साथ आजमगढ़ और मऊ की एसओजी टीम को नियुक्त किया था। निलंबित थानेदार पन्नेलाल कन्नौजिया की तलाश के लिए पुलिस टीम ने गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के भरसी गांव स्थित उनके पैतृक घर पर दबिश दी और उनकी पत्नी को हिरासत में लिया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि फरार होने के बाद पन्नेलाल ने अपनी पत्नी से बात की थी, और उनका अंतिम लोकेशन भी गोरखपुर में मिला था। जब पन्नेलाल को अपनी पत्नी के हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने गोला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद बलिया पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।
2 साल से एक ही थाने में थे पन्नेलाल
पन्नेलाल कन्नौजिया पिछले दो साल से नरही के थानाध्यक्ष पद पर कार्यरत थे। जानकारी के अनुसार, वे 2012 में दरोगा बने थे और अगस्त 2022 में उनकी तैनाती बलिया के नरही थाने पर हुई थी। तब से लेकर पिछले गुरुवार तक वे नरही थानाध्यक्ष पद पर बने रहे। यूपी-बिहार के भरौली बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली का जिम्मा उन्होंने थाने के पुलिसकर्मियों को दे रखा था।