नई दिल्ली: बॉलीवुड में ट्रेजिडी किंग के नाम से मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) आज इस दुनिया में हमारे बीच नहीं हैं। 7 जुलाई 2021 को उन्होंने इस संसार से रुखसती ली थी। दोस्तों आज हम आपको दमदार अभिनय से सबको चकित कर देने वाले अभिनेता दिलीप कुमार से जुड़े कुछ ऐसे किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे। चलिए बताते हैं, बॉलीवुड में ट्रेजिडी किंग कहे जाने वाले दिलीप साहब के कुछ अनसुने किस्सों के बारे में।
दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की पहली फिल्म ज्वार भाटा का पोस्टर देखकर उनके पिता लाला गुलाम सरवर खान ने एक जोरदार थप्पड़ दिलीप साहब को रसीद कर दिया था। इस बात का खुलासा दिलीप कुमार इन द शैडो ऑफ ए लीजेंड किताब में किया गया है। इस किताब में हिंदी सिनेमा में कई सालों तक अपने अभिनय का परचम लहराने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निजी जीवन से जुड़े उन पहलुओं के बारे में बताया गया है, जो अब तक पूरी तरह से अनसुने थे।

दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को 30 सालों से जानने वाले, लेखक फैसल फारूकी का कहना है, मैंने दूसरों के लिए उनके प्यार उनके बचपन, उनके जिद्दी स्वभाव और वंचितों के लिए कुछ बेहतर करने की उनकी इच्छा को चित्रित करने की कोशिश की हैं।
अपनी किताब दिलीप कुमार (Dilip Kumar) इन द शैडो ऑफ ए लीजेंड में लिखते हुए फैसल फारुकी ने साल 1944 में आई फिल्म ज्वार भाटा से जुड़े एक दिलचस्प किस्से के बारे में बताया है। उस दौरान दिलीप कुमार को युसुफ खान के नाम से जाना जाता था।

इस किताब के अनसुने किस्सों में फैसल फारुकी ने बताया है कि दिलीप कुमार के पिता लाला गुलाम सरवर खान एक दिन अपने अच्छे दोस्त और राज कपूर के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर के साथ लौट रहे थे, लौटते वक्त उन्होंने सड़क पर फिल्म ज्वार भाटा का पोस्टर देखा, जिसमें उनके बेटे दिलीप कुमार नज़र आ रहे थे। इस पोस्टर को देखकर लाला गुलाम सरवर खान हैरान हो गए थे, इस पोस्टर के बारे में वो अपने बेटे से ही जानना चाहते थे।
जब दिलीप साहब घर पहुंचे, तो उनके पिता ने उनसे कहा, आज कुछ अजीब हुआ। मैं थोड़ा चिंतित हूं। दिलीप कुमार इस बात से बिल्कुल अनजान थे, कि पिता इतने गंभीर क्यों हैं और उन्होंने अपने पिता से नज़रे मिलाने की कोशिश की। कुछ देर की शांति के बाद लाला गुलाम सरवर खान ने कहा, मैं तांगे पर लाला के साथ था और रास्ते में मैंने एक फिल्म का पोस्टर देखा।

लाला गुलाम सरवर ने कहा, पोस्टर पर दिलीप कुमार नाम का कोई लड़का था। मैं अल्लाह की कसम खाता हूं, वह बिल्कुल तुम्हारी तरह दिखता था। ये सब सुनकर दिलीप कुमार डर गए, जिसके कारण वह बिल्कुल भी हिल नहीं पाए। इतना ही नहीं अभिनेता अपने पिता से आंखे भी नहीं मिला पा रहे थे। उनके पिता के सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था।

खान ने फिर पूछते हुए कहा, मुझे जवाब दो, क्या तुम उस पोस्टर पर नहीं हो। दिलीप कुमार ने बहुत डरते हुए कहा, हां पोस्टर में मैं ही हूं। सवाल का जवाब सुनते ही पिता ने दिलीप कुमार को जोरदार थप्पड मारा था, जिसके दिलीप कुमार नीचे जमीन पर गिर गए थे। इतना ही नहीं, लाला गुलाम सरवर खान यहां तक नहीं रुके और उन्होंने, इस घर से निकल जाओ कहकर दिलीप कुमार को जाने के लिए कह दिया था।
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फैसल फारुकी की किताब के अनुसार, दिलीप कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कहा, ऐसा पहली बार था, जब आगाजी ने मुझ पर हाथ उठाया था। मैंने कभी उन्हें इतने गुस्से में नहीं देखा था। उस दिन अगर अम्मा और सकीना आपा न होती तो वे मुझे घर से निकाल देते। उस दौर में फिल्मों में काम करना सही नहीं माना जाता था।










