Lawrence Gang Arrest: भारत की सुरक्षा एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी मिली है। हरियाणा पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर दो खूंखार गैंगस्टर वेंकटेश गर्ग को जॉर्जिया से और भानु राणा को अमेरिका से हिरासत में लिया है। दोनों को जल्द भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है; गर्ग को जॉर्जिया से प्रत्यर्पित किया जा रहा है, जबकि राणा को अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा। यह गिरफ्तारी उस समय हुई है जब पंजाब और हरियाणा के गैंगस्टर अमेरिका, कनाडा, पुर्तगाल और यूएई जैसे देशों में अपनी जड़ें जमाकर भारत में जबरन वसूली (Extortion) और दहशतगर्दी का रैकेट चला रहे हैं।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वेंकटेश गर्ग जॉर्जिया में बैठकर नए शूटरों की भर्ती कर रहा था और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को लालच देकर अपने गैंग में शामिल कर रहा था। वहीं, भानु राणा Lawrence Gang के लिए हथियार सप्लाई का नेटवर्क संभालता था। यह कार्रवाई विदेशों में छिपे दाऊद, छोटा राजन के दौर के बाद सक्रिय हुए लॉरेंस, टिल्लू, हाशिम बाबा, नन्दू, बमबीहा और गोदारा जैसे गैंगों के खिलाफ सरकार के आक्रामक रुख को दर्शाती है। (120 शब्द)
विदेशों में गैंगस्टरों का नया ठिकाना
मुंबई के दाऊद, छोटा राजन और गवली गैंग का ज़माना अब बीत चुका है। उनकी जगह अब पंजाब और हरियाणा के गैंग्स ने ले ली है, जो अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हो रहे हैं। ये गैंगस्टर भारत से भागकर उन देशों में पनाह ले रहे हैं जहां प्रत्यर्पण नीतियां सख्त हैं, जिससे इन्हें वापस लाना मुश्किल होता है। इन देशों से ही ये दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में अपने आपराधिक नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं। इनके निशाने पर डॉक्टर, कारोबारी, फिल्मी हस्तियां, नेता और उद्यमी होते हैं। ये फायरिंग कर दहशत फैलाते हैं और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट करके खुद जिम्मेदारी भी लेते हैं।
मुख्य टारगेट: दिल्ली-एनसीआर और पंजाब-हरियाणा
पंजाब और हरियाणा में अपराध बढ़ने का मुख्य कारण इन क्षेत्रों में विकास के साथ बढ़ा प्रॉपर्टी का बाजार, पंजाब फिल्म उद्योग (Film Industry) और ड्रग्स का धंधा है। कमाई बढ़ने के साथ ही इन अपराधियों ने गैंग बनाकर प्रॉपर्टी पर कब्जे से लेकर ड्रग्स तक के धंधे से पैसा कमाना शुरू कर दिया। सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने इन गैंगवारों की पूरी सच्चाई सामने ला दी थी।
गिरफ्तार और सक्रिय गैंगस्टरों की सूची
हाल ही में गिरफ्तार हुए वेंकटेश गर्ग नन्दू गैंग से जुड़ा है और जॉर्जिया में एक्टिव था, जबकि भानु राणा Lawrence Gang से जुड़ा है और अमेरिका से गिरफ्तार हुआ है। गर्ग हरियाणा के नारायणगढ़ का है और उस पर हत्या, लूट और फिरौती के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। राणा करनाल का रहने वाला है और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए हथियार सप्लाई करता था।
अन्य 18 खूंखार गैंगस्टर और उनके गैंग/ठिकाने:
- हैरी बॉक्सर: लॉरेस गैंग (अमेरिका)
- हिमांशु भाऊ: खुद का गैंग/बमबीहा गैंग (पुर्तगाल)
- साहिल कादयान: हिमांशु भाऊ गैंग (पुर्तगाल)
- बाबी कादयान: बमबीहा गैंग (USA)
- वीरेन्द्र चारण: रोहित गोदारा गैंग (पुर्तगाल)
- अनमोल बिश्नोई: लॉरेस गैंग (अमेरिका)
- गोल्डी बराड़: खुद का गैंग/रोहित गोदारा (कनाडा और USA)
- गोल्डी ढिल्लो: लॉरेस गैंग (कनाडा)
- नीरज फरीदपुरियां: बमबीहा गैंग (पुर्तगाल)
- रोहित गोदारा: खुद का गैंग/गोल्डी बराड़ (कनाडा और अमेरिका)
- कपिल सागवान उर्फ नन्दू: खुद का नन्दू गैंग (इंग्लैंड)
- राशिद केबलवाला: लॉरेस हाशिम बाबा गैंग (टर्की)
- सचिन गोलू: हाशिम बाबा गैंग (थाईलैंड)
- साहिल हरसोली: नन्दू गैंग (UEA)
- दिनेश गांधी: बम्बिहा गैंग (पुर्तगाल)
- सौरभ गाडोली: बम्बिहा गैंग (पुर्तगाल)
- संजीव दहिया: गोगी गैंग (UAE)
- दीपक पकासमा: टिल्लू गैंग (UK)
भारत सरकार का यह ऑपरेशन इन अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट्स को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
