Air Conditioning : गर्मियों में एसी चलाना अब आम बात हो गई है। जैसे ही तापमान बढ़ता है, लोग राहत पाने के लिए एयर कंडिशनर का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह राहत पर्यावरण के लिए कितनी भारी पड़ रही है? एसी से निकलने वाली गैसें और इसके इस्तेमाल में लगने वाली बिजली, दोनों मिलकर धरती को और गर्म बना रहे हैं। दुनिया में जितनी भी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, उनमें से करीब 4% का कारण एसी है।
बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन
एसी से सीधे कार्बनडाइऑक्साइड नहीं निकलता, लेकिन इसे चलाने के लिए जो बिजली चाहिए होती है, वह ज़्यादातर कोयले जैसे ईंधनों को जलाकर बनाई जाती है। कोयला जलने से भारी मात्रा में कार्बनडाइऑक्साइड हवा में फैलती है, जो ग्लोबल वॉर्मिंग यानी धरती के तापमान को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।
ज़हरीली गैसों से बढ़ता खतरा
एसी में इस्तेमाल होने वाली गैसें जैसे HFC (हाइड्रोफ्लोरोकार्बन) और CFC (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) बहुत खतरनाक होती हैं। ये गैसें ओजोन की परत को नुकसान पहुंचाती हैं, जो हमें सूरज की हानिकारक किरणों से बचाती है। ओजोन परत के पतला होने का मतलब है ज़्यादा गर्मी और ज़्यादा बीमारियां।
बाहर के तापमान में बढ़ोतरी
एसी कमरे को ठंडा करता है, लेकिन इसके साथ ही वह गर्म हवा को बाहर छोड़ता है। इससे बाहर का तापमान और बढ़ जाता है, खासकर शहरों में जहां हर घर में एसी चल रहा हो। यह चक्र चलता रहता है।जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, लोग और ज्यादा एसी चलाते हैं और इससे बाहर का तापमान और बढ़ता जाता है।
स्वास्थ्य पर असर भी ज़रूरी है समझना
समय के साथ एसी की गैस लीक होने लगती है। अगर यह गैस सांस के ज़रिए शरीर में चली जाए, तो यह काफी ज़हरीली हो सकती है। इससे चक्कर आना, सिरदर्द और यहां तक कि जान का खतरा भी हो सकता है।
एक घंटे में कितना प्रदूषण करता है एसी?
अगर आप एसी को सिर्फ एक घंटे के लिए चलाते हैं, तो उससे लगभग आधा किलो (500 ग्राम) कार्बन वातावरण में फैलता है। यह वही कार्बन है जो जलवायु परिवर्तन की रफ्तार बढ़ा रहा है।